असल न्यूज़: कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट शेयर करने के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है. दिल्ली पुलिस क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दो और संदिग्धों की तलाश में जुट गई है, जिनके खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी किया गया है.
अब पुलिस को है इन 2 लोगों की तलाश– टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की टीम शांतनु और निकिता जैकब की खोज तेज कर दी है. इसके लिए मुंबई और कुछ अन्य जगहों पर छापेमारी की गई है. पुलिस ने दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है.
कौन हैं निकिता जैकब- निकिता जैकब पेशे से वकील हैं और पहले भी पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाती रही हैं. 4 दिन पहले स्पेशल सेल की टीम निकिता जैकब के घर गई थी और उनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की थी. उस वक्त शाम हो गई थी, इसलिए निकिता से पूछताछ नहीं की गई. टीम ने कहा कि वो कल फिर आएंगे, लेकिन जब अगले दिन स्पेशल सेल की टीम निकिता के यहां पहुंची वो गायब मिली.
26 जनवरी की हिंसा से पहले हुई थी जूम मीटिंग– रिपब्लिक डे के पहले एक जूम मीटिंग हुई थी, जिसमें एमओ धालीवाल, निकिता और दिशा के अलावा अन्य लोग शामिल हुए थे. एमओ धालीवाल मुद्दे को बड़ा बनाना चाहता था और उसका मकसद था कि किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाई जाए. यहां तक कि एक किसान की मौत को पुलिस की गोली से हुई मौत बताया गया. 26 जनवरी की हिंसा के बाद अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी और एक्टिविस्ट से संपर्क किया गया. दिशा रवि पहले से ग्रेटा थनबर्ग को जानती थीं, इसलिए उनकी मदद ली गई.
