असल न्यूज़:भारतीय रेलवे से रोजाना करीब 46 लाख महिलाएं सफर करती हैं बीते कुछ दिनों में रेलगाड़ियों और रेलवे परिसरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटना चिंता का प्रमुख विषय रही है इसलिए महिला यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे में महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों को कम करने के लिए भारतीय रेलवे ने कई अहम कदम उठाए हैं आइए जाने इसके बारे में
रेलगाड़ियों में इस प्रकार के अपराधों की संभावनाओं को खत्म करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं जैसे शौचालय सबसे आम स्थान है जहां अतीत में इस तरह की घटनाएं दर्ज की गई है और ऐसे में शौचालयों के पास लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाई गई है
आमतौर पर कोच अटेंडेंट ऐसी मैकेनिकल रेल डिब्बों में प्रवेश और निकासी गेटो के समीप अपनी आंबटित सीटों पर रहते हैं जहां से पूरे कोच में निगरानी करने में मदद मिल सकती है पुलिस के एस्कॉर्ट दस्ते रेलगाड़ियों के भीतर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने उनकी जानकारी देने तथा इस प्रकार के अपराधों को कम करने के बारे में जानकारी देने के लिए ऐसे कर्मचारियों और रेलगाड़ियों में लगातार घूमने वाले पैंट्री का स्टॉप कार को अपने भरोसे में ले सकते हैं अगर कोई महिला अपने छोटे बच्चे के साथ यात्रा कर रही है तो उन्हें मेरी सहेली पहल के तहत उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए
रेलवे ने किए जारी 10 नियम
(1 )अपराध के मामले में संवेदनशील रेलवे स्टेशन में हुए सभी क्षेत्रों, घूमने- फिरने के स्थान, पार्किंग, फुट ओवर ब्रिज, संपर्क सड़कों प्लेटफार्म के किनारे रेलों की सफाई करने वाली लाइनों डीईएमयू /ईएमयू कार शेड्स रख-रखाव डिपो इत्यादि के आस-पास लाइट की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी
(2 ) प्लेटफार्म /यर्डों में काफी समय से खाली पड़े ढांचों और खंडर इमारतो, जिनकी निगरानी नहीं होती उन्हें इंजीनियरिंग विभाग से पता करें तो तुरंत ढहाया जाएगा ऐसे ढांचों अथवा क्वार्टरो को जब तक गिराया नहीं जाता तब तक ड्यूटी स्टाफ ऐसे समय खासकर रात जब लोगों की उपस्थिति कम हो उनकी नियमित तौर पर जांच की जानी चाहिए
(3 )अनाधिकृत प्रवेश और निकास मार्गो से लोगों की आवाजाही को बंद किया जाएगा
(4 )वेटिंगरूम की नियमित तौर पर जांच- पड़ताल की जाएगी पूरी जांच और चेक करने के बाद ही यहां पर लोगों को प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी खासकर रात ऐसे समय जब यात्रियों की उपस्थिति कम हो ऐसे कक्षों की ड्यूटी अधिकारियों द्वारा लगातार जांच की जानी चाहिए
(5 )रेल यात्रियों की सर्विस से जुड़े कामों में लोग कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा उनके पास पहचान पत्र होना चाहिए रेलगाड़ी और रेलवे परिसरों में बिना पहचान पत्र के आने जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए
(6 ) रेलवे यार्डों और कोच डिपो में किसी भी अधिकृत व्यक्ति को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और ऐसे स्थानों पर प्रवेश प्रणाली नियंत्रित की जानी चाहिए
(7 ) जहां यात्रियों के बैठने की जगह होती है उसके आसपास अवैध रूप से बनाए गए अतिक्रमणो को कानूनी प्रक्रिया का पालन करने का प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए
(8 )भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को नि:शुल्क एंटरटेन सेवा प्रदान कर रही है इस प्रकार की सेवाओं के प्रदान करने वाले ऑपरेटरों के साथ यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि इस सेवा के मध्यम से पॉर्न साइटों को तो नहीं देखा जा रहा है रेलवे परिसरों में अवांछित /अधिकृत व्यक्तियों को पकड़कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए
(9 ) रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ियों में शराब पीने वाले व्यक्तियो को पकड़ने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा सकते हैं
रेल यात्रियों के लिए सूचना
ट्रेन की टिकटों के पिछले हिस्से पर हेल्पलाइन नंबरों की पूरी जानकारी दी जाती है अगर कोई भी परेशानी हो तो तुरंत दिए गए नंबर्स पर फोन कर सकते हैं
रेलवे न ही स्टॉप सेंटर भी चलाता है इन पर कई तरह की जानकारी एक ही जगह मिल जाती है जैसे डॉक्टर की सहायता, पुलिस की सहायता, कानूनी सलाह, अदालतों में मामलों के प्रबंधन ,मनोवैज्ञानिक, सामाजिक काउंसलिंग और हिंसा से प्रभावित महिलाओं को अस्थायी रहने की जगह