नोएडा में बैंककर्मी महिला ने 17 फरवरी की रात एक शादीशुदा युवक पर दुष्कर्म व धर्मांतरण कराने का आरोप लगाकर पुलिस से शिकायत कर दी। पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि महिला सहमति संबंध में रह रही थी। युवक का आरोप है कि महिला उसका डेढ़ करोड़ का फ्लैट, ऑडी व मर्सडीज कार हड़पना चाहती है।
कोतवाली सेक्टर-58 पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामले की निगरानी अधिकारी कर रहे हैं। वहीं, शनिवार रात को सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने पुलिस पर आरोपी युवक से 12 लाख रुपये लेकर छोड़ने का आरोप लगाते हुए पोस्ट कर दी। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने इससे इनकार किया है।
पुलिस के अनुसार, मूलरूप से दिल्ली निवासी शाहनवाज खान का ग्रेटर नोएडा में लेडीज फुटवेयर का कारोबार है। वर्ष 2013 में उसने दूसरे धर्म की महिला से शादी की थी। शादी के बाद दोनों क्लियो काउंटी सोसायटी में फ्लैट लेकर रहने लगे। इस बीच शाहनवाज की शादीशुदा बैंक कर्मी महिला से दोस्ती हो गई और दोनों सहमति संबंध में रहने लगे। नाराज होकर पहली पत्नी शाहनवाज से अलग दिल्ली में रहने लगी।
17 फरवरी की रात शाहनवाज व बैंक कर्मी महिला को शॉप्रिक्स मॉल में मिलना था। जैसे ही वह वहां पहुंचा तो महिला अपनी एयर होस्टेस सहेली व एक अन्य परिचित के साथ मॉल के पास पहुंची और वहां चेकिंग कर रहे सब इंस्पेक्टर से शिकायत करते हुए कहा कि मर्सडीज सवार युवक ने उससे दुष्कर्म किया है और धर्मांतरण कराना चाहता है। इसके बाद पुलिसकर्मी शाहनवाज को पकड़कर थाने ले आई। साथ ही, अधिकारियों को जानकारी दी। जब जांच की गई तो पता चला कि शिकायत करने वाली महिला साढ़े तीन साल से सहमति संबंध में थी।
शाहनवाज ने लगाया ये आरोप
शाहनवाज ने आरोप लगाया कि महिला उसका डेढ़ करोड़ रुपये का फ्लैट और मर्सडीज व ऑडी अपने नाम कराना चाहती है। इस कारण साजिश रची और पुलिस से झूठी शिकायत की। इस बारे में उसने कई सबूत भी दिए। इसके बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। संयुक्त पुलिस आयुक्त लव कुमार ने बताया कि जिस तरह की शिकायत की गई थी, पुलिस जांच में उस तरह के तथ्य नहीं मिले हैं। मामले में सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा पैसे लेकर आरोपी को छोड़ने का भ्रम फैलाया जा रहा है। पुलिस पर आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है।
महिला ने बेटे के जन्मदिन के बाद शादी की बात कही थी
पुलिस की जांच में पता चला है कि बैंक कर्मी महिला शादीशुदा है और चार साल का एक बच्चा भी है। 18 मार्च को बच्चे का जन्मदिन है। शाहनवाज के मुताबिक, महिला ने कहा था कि जन्मदिन के बाद वह हमेशा के लिए उसके साथ शिफ्ट हो जाएगी और शादी कर लेगी, लेकिन इससे पहले ही उसने पुलिस से शिकायत कर दी। कुछ माह पहले शाहनवाज ने एक ऑडी कार खरीदी थी। इसमें महिला को ही नॉमिनी बनाया गया था। चार माह से शाहनवाज ऑडी की किस्त भी नहीं दे पा रहा है।
29 जनवरी को आईसीआईसीआई बैंक में महिला के साथ संयुक्त खाता भी खुलवाया था। शाहनवाज का कहना है कि महिला कुछ महीनों से फ्लैट अपने नाम कराने के लिए दबाव डाल रही थी, जबकि फ्लैट शाहनवाज व उसकी पहली पत्नी के नाम पर है। जब यह मामला पुलिस के पास पहुंचा तो बैंककर्मी महिला के पति व परिजनों को बुलाया गया। पति को जब घटना के बारे में पता चला तो वह थाने में गिर पड़ा। बाद में पुलिस ने उसे पानी पिलाया और बातचीत की।
चार खाते मिले, सभी लगभग खाली
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि शाहनवाज के तीन खाते आईडीबीआई बैंक व एक खाता आईसीआईसीआई बैंक में है। आईडीबीआई में एक खाता शहनवाज की कंपनी केजी इंटरप्राइजेज के नाम पर है जिसमें पैसे नहीं हैं। दूसरा खाता पहली पत्नी के साथ संयुक्त रूप से है। इसमें 20 हजार रुपये हैं। तीसरे खाते में 539 रुपये हैं। इससे अंतिम लेनदेन 17 फरवरी को 15 हजार रुपये का किया गया था। एचडीएफसी बैंक से उसने होम लोन ले रखा है। ऐसे में पुलिस के 12 लाख रुपये लेकर शाहनवाज को छोड़ने का आरोप निराधार है।
आरोपी महिला ही लाई थी घर में मंदिर
शाहनवाज ने पुलिस को बताया कि धर्मांतरण की बात बिल्कुल बेबुनियाद है। पहली पत्नी आठ साल साथ रही। वह अब तक अपना ही धर्म मानती है। आरोपी महिला ही फ्लैट में मंदिर भी बनवाकर लाई है और अब तक घर में मंदिर है। शाहनवाज के पिता इंग्लैंड में रहते हैं और मां का देहांत वर्ष 2015 में हो चुका है। भाई दिल्ली में रहते हैं, लेकिन 2015 से उनसे संबंध नहीं हैं।