दिल्ली। ऑनलाइन फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार नियम लाने की तैयारी कर रही है। तदनुसार, मोबाइल कॉलर आईडी ही बदली जा रही है, इसलिए फर्जी नंबर गायब हो जाएंगे। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने घोषणा की है कि मौजूदा कॉलर आईडी प्रणाली में बदलाव होगा।
केवाईसी प्रणाली जल्द लागू करेगा ट्राई
नई केवाईसी प्रणाली में फोन करने वाले का मोबाइल नंबर उसकी फोटो के साथ भी दिखेगा। इसके लिए सरकार केवाईसी सिस्टम लागू करने जा रही है। दो सिस्टम होंगे। एक आधार कार्ड आधारित और दूसरा सिम कार्ड आधारित। आधार कार्ड पर आधारित नई व्यवस्था के तहत सभी मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। इसलिए जैसे ही कोई व्यक्ति कॉल करेगा, उसका नाम मोबाइल नंबर के साथ आधार वाली फोटो और नाम डिस्प्ले होगा।
ट्रू-कॉलर से होगा अलग
ट्रू-कॉलर या अन्य कॉलर आईडी ऐप्स में एक नाम डिस्प्ले सिस्टम होता है, लेकिन यूजर द्वारा दर्ज किया गया नाम इसमें दिखाई देता है। यदि यूजर गलत नाम दर्ज करता है, तो यह ट्रू-कॉलर दिखाता है। सरकार की नई व्यवस्था में यह दोष नहीं होगा। कॉल करने पर सामने वाले के फोन में आपका आधार वाला नाम और आधार वाली फोटो ही दिखाई देगी।
सिम कार्ड बेस्ड सिस्टम जल्द होगा शुरू
सिम कार्ड आधारित प्रणाली में, ग्राहक को नया सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए फोटो और पहचान प्रमाण देना होता है। इसके मुताबिक लोगों की फोटो कॉलिंग के साथ अटैच की जाएगी, जिससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि फर्जी कॉल किसने की है। इसका मतलब है कि ग्राहक द्वारा सिम कार्ड खरीदते समय कंपनी को जमा की गई फोटो उसके द्वारा की गई कॉल के साथ दिखाई देगी।
स्पैम कॉल होगा बंद
नई पहचान प्रणाली के चालू होते ही किसी अनजान नंबर से आने वाली कॉल की भी पहचान हो जाएगी। रिसीवर को पता चल जाएगा कि फोटो के साथ कौन कॉल कर रहा है। कॉल करने वाला अपनी निजी पहचान नहीं छिपा पाएगा। इससे धोखाधड़ी को रोका जा सकता है।