मेयर के चुनाव के लिए बीते छह जनवरी को सदन की पहली बैठक में हुई तोड़फोड़ से निगम को करीब 22 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। एमसीडी ने इसका ड्राफ्ट बनाकर एलजी कार्यालय को भेज दिया है। वहीं, एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सदन में हुए हंगामे के वीडियो के आधार पर पार्षदों को चिह्नित कर उनसे नुकसान की भरपाई कराने की तैयारी हो रही है।
एमसीडी सचिव भगवान सिंह ने बताया कि सिविक सेंटर ए ब्लॉक की चौथी मंजिल पर स्थित अरुणा आसफ अली सभागार में लगे साजो सामान बेहद महंगे हैं। यहां लगे माइक की कीमत अच्छी खासी है। कुर्सियां व बाकी फर्नीचर अच्छी गुणवत्ता वाले हैं। सारे साजो सामान निगम सदस्यों को बैठने के लिए लगाए गए हैं। हंगामे के दौरान हुई तोड़फोड़ से काफी सामानों की क्षति हुई है, जिससे करीब 22 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
बिना शपथ लिए कोई पार्षद नहीं
एमसीडी चुनाव के बाद छह जनवरी को बुलाई गई सदन की पहली बैठक में आम आदमी पार्टी और भाजपा से चुनाव जीतकर आए पार्षदों ने हंगामा किया और फिर तोड़फोड़ की। इन सदस्यों ने अभी शपथ ग्रहण नहीं किया है और इसलिए आधिकारिक तौर पर अभी यह पार्षद नहीं हैं।
डीएमसी एक्ट के मुताबिक सदन में पार्षदों पर कार्रवाई करने का अधिकार मेयर का होता है। मेयर हंगामा करने वाले पार्षदों को अगली एक-दो बैठक के लिए निलंबित कर सकते हैं। लेकिन न तो अभी सदस्यों का शपथ और न ही मेयर का चुनाव हुआ है। इसलिए इन नवनिर्वाचित पार्षदों पर क्या कार्रवाई करनी है, यह फैसला निगम ने एलजी कार्यालय पर ही छोड़ दिया है।
24 जनवरी की बैठक में भी हंगामे की आशंका
निगम को 24 जनवरी को होने जा रही सदन की अगली बैठक में भी हंगामे की आशंका है। आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों पुराने मुद्दे पर अड़े हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ दोनों ही पार्टियों के कुछ पार्षद ऐसे हैं, जो शांतिपूर्वक सदन की बैठक कराने के पक्ष में हैं ताकि मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव हो सके।