तीनों कूड़े के पहाड़ दोगुनी गति से कम होंगे। गाजीपुर, भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइट पर एक की जगह दो-दो एजेंसियां कूड़े का निस्तारण करेंगी। नई अतिरिक्त एजेंसियां नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो है। ओखला और गाजीपुर लैंडफिल साइट पर एजेंसी नियुक्त करने के लिए टेंडर भी हो गए हैं। दोनों लैंडफिल साइट पर अतिरिक्त एजेंसी जल्द काम करना शुरू कर देंगी।
भलस्वा लैंडफिल साइट पर एक नई एजेंसी लगाने का टेंडर अक्तूबर में निकलेगा और नवम्बर से ये एजेंसी काम करना शुरू करेगी। तीनों लैंडफिल साइटों पर नई एजेंसियां लगने के बाद निगम ने दो साल में 90 लाख टन अतिरिक्त कूड़े के निस्तारण का लक्ष्य रखा है। योजना के तहत हरएक कूड़े के पहाड़ के लिए एक-एक अतिरिक्त एजेंसी नियुक्त की जाएगी।
हर एक एजेंसी को दो साल के भीतर 30-30 लाख टन कूड़े का निस्तारण करना होगा। योजना के मुताबिक सबसे पहले कूड़ा निस्तारण का काम गाजीपुर लैंडफिल साइट पर शुरू होगा। इसके बाद ओखला लैंडफिल साइट पर नई एजेंसी काम करना शुरू करेगी। नवंबर से भलस्वा लैंडफिल साइट पर काम शुरू हो जाएगा।
कूड़ा निस्तारण समय से पहले करने पर इनाम
अगर एजेंसी तेजी से कूड़ा निस्तारण का काम करती है तो उसे इनाम भी दिया जाएगा। योजना के मुताबिक 2 साल से पहले जो भी एजेंसी 30 लाख टन कूड़े का निस्तारण करेगी उसे अतिरिक्त 15 लाख टन कूड़ा निस्तारण का काम दिया जाएगा। इसकी जानकारी सभी एजेंसी को दे दी गई है, ताकि एजेंसी तेजी से काम करें। इसकी शर्तें भी टेंडर प्रक्रिया में शामिल हैं।
12 हजार टन कचरा रोज जमा हो रहा
दिल्ली में मौजूदा समय करीब 12 हजार टन कचरा पैदा हो रहा है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में हर साल करीब 317 टन कचरा बढ़ रहा है। अप्रैल 2021 में हरदिन 978 टन कचरा पैदा होता था, 2022 में ये बढ़कर 11,295 टन हो गया। इसमें से 7-8 हजार टन कचरा संसाधित हो पाता है, बाकी बचा हुआ 4-5 हजार टन कचरा तीन लैंडफिल साइटों पर डंप हो रहा है। दिल्ली की करीब 350 कॉलोनियां जीरो वेस्ट बन चुकी हैं। ये 100 फीसदी कचरे को संसाधित कर रही हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर कूड़ा निस्तारण की क्षमता को दोगुना करने का प्लान तैयार किया गया है। तीनों कूड़े के पहाड़ों पर अभी एक-एक एजेंसी काम कर रही है। लेकिन जल्द एक-एक और अतिरिक्त एजेंसी वहां काम करेंगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
-डॉ शैली ओबरॉय, मेयर, दिल्ली नगर निगम
सड़कों पर जगह-जगह फिर बनने लगे नए कचरा पॉइंट
जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद सड़कों पर फिर से जगह-जगह नए कचरा पॉइंट बनने लगे हैं। यहां दो-तीन दिन का कूड़ा सड़कर बदबू फैला रहा। इससे आसपास की कॉलोनियों में बीमारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है। लगभग पूरी दिल्ली में इस तरह के हालात हैं, लेकिन उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर, मौजपुर, कबीर नगर, गांधी नगर सहित आसपास के अन्य इलाकों की हालत ज्यादा खराब है।
सड़कों, चौराहों, नुक्कड़ों पर नए कचरा पॉइंट न बनें, इसके लिए मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने पिछले दो हफ्तों में कई बैठकें कीं। जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले 12 हजार कचरा पॉइंट सड़कों के किनारों से साफ कराए और यहां गमले रखे गए। मेयर के मुताबिक, सभी जोन में सफाई निरीक्षकों को विशेष हिदायत दी गई है कि वे ध्यान दें कि कहीं भी नए कचरा पॉइंट न बनने पाएं। कचरे को गाड़ियों में भरकर सीधे समाधान वाली जगह ले जाया जाए। विशेष सफाई अभियान जारी है। मेयर करीब हर दिन किसी एक वार्ड का दौरा कर रही हैं। इसके बावजूद सड़कों पर जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे नजर आ रहे हैं।
विपक्ष ने निगम की कार्यशैली पर उठाए सवाल शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है। पूर्व मेयर व मौजूदा पार्षद सत्या शर्मा ने कहा है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने राजधानी को साफ-सुथरा और चमकाने का झूठा दावा करके वाह-वाही लूटने की कोशिश की।