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डूसू चुनाव 2023: छात्र संघो ने जारी किया महिला घोषणा पत्र, माहवारी अवकाश देने समेत इन मुद्दों को किया शामिल

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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनावों में जीत के लिए एनएसयूआई ने यौन हिंसा के प्रति जीरों टॉलरेंस, छात्रों के सश्क्तिकरण, छात्राओं के लिए बेहतर संसाधन सुविधाओं को अपना हथियार बनाया है। डूसू का किला फतह करने के लिए एनएसयूआई ने एक बार फिर से महिलाओं के मुद्दों पर आधारित महिला घोषणा पत्र तैयार किया है। खासकर छात्राओं को प्रति सेमेस्टर 12 दिन का माहवारी अवकाश दिए जाने की बात को अपने घोषणा पत्र में रखा है।

एनएसयूआई का दावा है कि इस मुद्दे के बल पर हाल ही में पंजाब यूनिवर्सिटी में भी जीत हासिल की गई है। इस घोषणा पत्र में एनएसयूआई ने छात्राओं की समस्याओं से संबंधित मुद्दों को ही उठाया है। पूर्व डूसू अध्यक्ष अमृता धवन, पूर्व अध्यक्ष नीतू वर्मा, एनएसयूआई सचिव पद की प्रत्याशी यक्षना शर्मा ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में महिला घोषणा पत्र जारी किया। छात्राओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इसमें उनसे संबंधित मुद्दे ही शामिल हैं।

पूर्व डूसू अध्यक्ष अमृता धवन ने कहा कि एनएसयूआई हमेशा महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम करती है। हम विश्वविद्यालय स्तर पर भी इस बात का ध्यान रखते हैं। इसलिए ही हम छात्राओं के लिए यह घोषणा पत्र लेकर आए हैं। इसे एक महीने पहले से छात्राओं के बीच जाकर तैयार किया गया है। छात्राओं को सम्मान देने और समान दर्जा देने के लिए ही यह घोषणा पत्र है।

उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र में यौन हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस, कॉलेज परिसर के बाहर पुलिस की गश्त बढ़ाना, कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगाने, कॉलेजों में महिला सुरक्षा कर्मी, आंतरिक शिकायत प्रकोष्ठ को लेकर जागरूक करने, महिला शौचालयों में महिला स्टॉफ, हर कॉलेज में मेडिकल रूम, काउंसलिंग सेंटर स्थापित करने जैसे मुद्दों को शामिल किया है। प्रेस वार्ता में दिल्ली एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष व तेलंगाना प्रभारी अक्षय लाकरा, दिल्ली प्रभारी नीतिश गौड़ भी उपस्थित थे।

एबीवीपी ने तनावमुक्त विवि के लिए माइंडफुलनेस सेंटर का थामा दामन
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में चारों सीट पर क्लीन स्वीप का दावा कर रही एबीवीपी ने इस बार तनाव मुक्त विश्वविद्यालय के लिए माइंडफुलनेस सेंटर का दामन थामा है। संगठन ने सोमवार को जारी किए गए अपने घोषणा पत्र में तनावमुक्त डीयू परिसर बनाने के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता, काउंसलर, एवं माइंडफुलनेस सेंटर को केंद्र में रखा है। वहीं, छात्राओं के लिए अलग से एक घोषणा पत्र जारी किया है। दोनों ही घोषणा पत्रों को छात्रों से प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किया। इसमें संगठन ने छात्र आधारित मुद्दों को ही शामिल किया है। इसमें ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए छात्रवृत्ति, कॉरपोरेट कनेक्ट सेंटर से बेहतर रोजग़ार के अवसर एवं छात्र समुदायों के समग्र एवं सर्वांगीण विकास को घोषणा पत्र में रखा है।

घोषणा पत्र में विश्वविद्यालय के संसाधनों, विकास, एक पाठ्यक्रम एक शुल्क के साथ पढ़ाई के साथ कमाई संबंधित विषयों को भी शामिल किया है। एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी तुषार डेढा ने कहा कि हमने पहले भी डीयू के विकास एवं छात्र समुदाय की समस्याओं के लिए कार्य किया है।

वहीं, इस वर्ष छात्रों के व्यक्तित्व विकास, परिसर के संसाधनों विकास, मांइडफुलनेस सेंटर स्थापना, स्वास्थय संबंधी सुविधाओं के लिए कार्य किया जाएगा। एबीवीपी के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी सुशांत धनकड़ ने कहा कि चुनाव जीतने पर डीयू में स्पोर्ट्स सुविधाओं पर काम किया जाएगा। खासकर एक डीयू ओलंपिक फेस्टिवल आयोजित करने की योजना बनाई है।

एबीवीपी ने घोषणा पत्र को स्वाभिमान अभियान द्वारा 20 हजार से अधिक प्राप्त सुझावों के आधार पर बनाया है। एबीवीपी ने अलग से महिला आधारित घोषणा पत्र भी बनाया है। इसमें महिला सुरक्षा, सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन की स्थापना एवं महिला संबंधित मुद्दों पर विशेष बल दिया है। जिसमें महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण पर विशेष बल दिया गया है। परिसर के अंदर व बाहर महिला सुरक्षा के लिए कैमरों से निगरानी, सभी छात्रावासों के बाहर पिंक बूथ की स्थापना, नए महिला छात्रावासों की स्थापना शामिल है।

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