असल न्यूज़: कृषि कानूनों को निरस्त करने और फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी सहित अन्य मांगों के लिए बीते 131 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान मंगलवार को मिट्टी सत्याग्रह यात्रा में शामिल हुए। गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा सहित देश के 23 राज्यों के 1500 गांवों की मिट्टी के साथ मंगलवार दोपहर बाद करीब तीन बजे सत्याग्रही दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंचे। बॉर्डर पर सिर पर मिट्टी के कलश के साथ महिलाओं ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया।
संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि यात्रा के दौरान शहीद भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां, शहीद सुखदेव के गांव नौघरा जिला लुधियाना, ऊधमसिंह के गांव सुनाम जिला संगरूर, शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्म स्थली भाभरा, झाबुआ, मामा बालेश्वर दयाल की समाधि बामनिया, साबरमती आश्रम, सरदार पटेल के निवास, बारदोली किसान आंदोलन स्थल, असम में शिवसागर, पश्चिम बंगाल में सिंगूर और नंदीग्राम, कर्नाटक के वसव कल्याण, बेल्लारी, गुजरात के 33 जिलों की मंडियों से भी मिट्टी लाई गई हैं।

इस दौरान गुजरात के 800, महाराष्ट्र के 150, राजस्थान के 200, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के 150, उत्तर प्रदेश के 75, बिहार के 30, हरियाणा के 60 और पंजाब के 78 गांवों की मिट्टी लाई गई हैं।