असल न्यूज़: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की वापसी के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त पैनल ने दुर्भाग्यपूर्ण कदम बताया है। पैनल के सदस्य अनिल घनवट ने कहा कि केंद्र का यह फैसला पीछे की ओर ले जाने वाला कदम है।
कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्ति किए गए पैनल के सदस्य घनवट ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि ‘पीएम मोदी द्वारा उठाया गया यह कदम प्रतिगामी कदम है। उन्होंने किसानों की बेहतरी के बजाय राजनीति को चुना। मोदी और भाजपा ने कदम पीछे खींच लिए। वे सिर्फ चुनाव जीतना चाहते हैं और कुछ नहीं।’
हमने सुधार और समाधान सौंपे थे
अनिल घनवट ने कहा कि तीन कृषि कानून बिल पर गहन अध्ययन और दोनों पक्षों से बातचीत करके हमनें कई सुधार और समाधान सौंपे थे, लेकिन सरकार ने गतिरोध सुलझाने के लिए उन समाधानों का इस्तेमाल करने के बजाए, कानून को वापस ले लिया क्योंकि, यह फैसला पूरी तरह से राजनैतिक है, जिसका मकसद आगामी महीनों में उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनाव जीतना है।
हमारी सिफारिशों को सरकार ने पढ़ा तक नहीं
पैनल के सदस्य अनिल घनवट ने कहा कि हमारी ओर से उच्चतम न्यायालय को कई सिफारिशें भेजी गई थीं, लेकिन सरकार का फैसला देखकर लगता है कि कृषि कानूनों पर भेजी गई सिफारिशों को सरकार ने पढ़ा तक नहीं। उन्होंने कहा कि इस फैसले ने खेती और उसके विपणन क्षेत्र में सभी तरह के सुधारों का दरवाजा बंद कर दिया है।