अभी तक अपनी पार्टी के प्रति वफादार बने कई नेताओं ने टिकट कटते ही पाला बदल लिया है। दो नेताओं ने राजनीतिक दल ही बदल लिया और चुनावी मैदान में उतर गए। वहीं, एक नेता बागी बनकर निर्दलीय उम्मीदवार बन गए हैं।
गोरखपुर जिले में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र है। यहां से भाजपा विधायक संगीता यादव का टिकट कट गया है। अब भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी से सरवन निषाद प्रत्याशी हैं। वह भाजपा के चिह्न पर ही चुनाव लड़ रहे हैं।
विधायक संगीता यादव तो चुनाव नहीं लड़ रही हैं, लेकिन भाजपा नेता अजय कुमार सिंह उर्फ टप्पू ने बगावत कर दी है। अजय कई वर्षों से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। अब निर्दल उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर उन्होंने भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं।
इसी तरह सहजनवां विधानसभा क्षेत्र से मनोज यादव, सपा से टिकट मांग रहे थे। मनोज यादव पिछले चुनाव में भी टिकट मांग रहे थे। पार्टी ने पूर्व विधायक यशपाल रावत को उम्मीदवार बनाया है, जिसके बाद मनोज ने बगावत कर दी और कांग्रेस में शामिल होकर चुनावी मैदान में उतर गए हैं।
वहीं, पिपराइच विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी से टिकट न मिलने पर दीपक अग्रवाल ने बसपा का दामन थाम लिया है। अब वह बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। बहरहाल, बगावत करने वाले ये नेता राजनीतिक दलों को कितना नुकसान पहुंचाएंगे, यह तस्वीर चुनाव परिणाम आने के बाद ही साफ होगी। लेकिन, इतना जरूर है कि इनके चुनाव मैदान में आने से राजनीतिक दलों की मुश्किलें जरूर बढ़ गई हैं।