चारा घोटाले के विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। अब लालू प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रडार पर हैं। CBI की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से अवैध रूप से 139.35 करोड़ रुपए निकालने के मामले में लालू प्रसाद और अन्य पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस मामले में दोषियों और मृत आरोपियों द्वारा जो संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की गई थी, उसकी पहचान नहीं हो सकी है। इसलिए अब इस मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की जाएगी।
ED जल्द दर्ज करेगा FIR
सूत्रों के अनुसार अदालत के निर्देश के बाद ED जल्द ही FIR दर्ज कर जांच शुरू कर सकता है। लालू के खिलाफ दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में ED पहले ही जांच शुरू कर चुका है।
जमानत में जुटे अधिवक्ता
लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार निकासी मामले में सजा का एलान होने के बाद उनके अधिवक्ता जमानत की तैयारियों में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि चारा घोटाले से जुड़े मामलों की झारखंड हाईकोर्ट में सप्ताह के एक दिन शुक्रवार को सुनवाई होती है। इसलिए जल्द जमानत की याचिका दायर करने की तैयारी शुरू हो गई है।
CBI के अधिवक्ता करेंगे विरोध
CBI के अधिवक्ता लालू की जमानत याचिका का विरोध कर सकते हैं। एक तरफ जहां लालू प्रसाद के अधिवक्ताओं का तर्क है कि लालू सजा की आधी अवधि से ज्यादा समय तक जेल में रह चुके हैं तो वहीं, CBI के अधिवक्ता इस मामले में लालू के जेल में रहने की वास्तविक स्थिति को कोर्ट के सामने रख सकते हैं।
बता दें कि चारा घोटाला देश के सबसे बड़े घोटाले में शुमार है। इसमें पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर 950 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके निकाले गए थे। लालू प्रसाद इस घोटाले के 6 मामलों में दोषी करार किए जा चुके हैं। फिलहाल लालू प्रसाद रांची की जेल में बंद हैं। उनको इलाज के लिए RIMS के पेइंग में भर्ती कराया गया है।