असल न्यूज़:(नीति सैन) अग्नीपथ योजना के विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नरेला में किया सत्याग्रह राजधानी दिल्ली सहित देशभर में कांग्रेस की तरफ से सत्याग्रह का आवाहन किया गया था इसको लेकर राजधानी दिल्ली सहित देशभर में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सत्याग्रह किया है कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक अग्निपथ योजना को रद्द नहीं किया जाएगा आंदोलन इसी तरह चलाया जायगा साथ ही इस सत्याग्रह को आगे बढ़ाने की भी बात की जा रही है सड़कों पर बैठे हैं कांग्रेस के कार्यकर्ता व पूर्व विधायक पूर्व निगम पार्षद वह कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी भी इस सत्याग्रह में शामिल हुए यह सत्याग्रह नरेला के मंगला चौक पर रखा गया है
अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में घमासान जारी है. विपक्षी पार्टियां लगातार इस मसले पर सरकार को घेरे हुए हैं अग्निपथ योजना के विरोध में कांग्रेस ने देशव्यापी प्रदर्शन किया सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं . देशभर में हर विधानसभाओं में अग्निपथ योजना के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं प्रदर्शन में पार्टी के सांसद, विधायक और नेता भी शामिल रहे .
अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता ने देशभर में सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक प्रदर्शन किया
तो वहीं मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी अग्निपथ योजना पर सवाल उठा दिए हैं. अग्निपथ योजना के विरोध में कांग्रेस ने आज बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया इससे पहले रविवार को कांग्रेस के कई प्रवक्ताओं ने अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर हमला तेज करते हुए कहा कि मोदी सरकार सेना में भर्ती की ये योजना लाकर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. कांग्रेस नेताओं ने सरकार से नई योजना का फरमान वापस लेने की मांग दोहराई. अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध के सुर कम होने की बजाय धीरे-धीरे बढ़ते ही जा रहे हैं.
देश की ज्यादातर विपक्षी पार्टियां या फिर क्षेत्रीय दल हर कोई अग्निपथ योजना के बहाने अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश में जुटी है, लेकिन इस बीच मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अग्निपथ स्कीम पर सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने कहा कि चार साल की यह योजना सेना और नौजवान को बर्बाद करके रख देगी. चार साल के लिए भर्ती होने वाले नौजवान अपनी शादी को भी तरस जाएंगे. केंद्र सरकार को इस पर पुर्नविचार करना चाहिए. इससे पहले सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन के दौरान भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.