नई दिल्ली। सिविल सर्विसेज आफिसर्स इंस्टीट्यूट के सभागार में पुराने फिल्मी गानों पर आधारित कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। अपने गायन की छटा बिखेरने वाली पार्श्व गायिका निशी सिंह ने जब 1950 से 1990 के समय में प्रचलित गानो को अपनी मधुर आवाज में गाना शुरू किया,तो पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने।
आशा भोंसले के गाए हुए गाने आईये मेहरबान से शुरू आत की उसके बाद तो श्रोताओं की पसंद पर कजरा मौहब्बत वाला,अंखियो में ऐसा डाला,कजरे ने ले ली मेरी जान…हाय रे मैं तुझपे कुर्बान। इसके साथ ही उन्होंने करीब डेढ दर्जन गाने नानस्टाप गाकर अंत में मेरे रश्के कमर, तूने पहली नजर,जब नजर से मिलाई ,मजा आ गया.

दमादम मस्त कलंदर पर इतिश्री की।मधु आवाज की दीवानगी का आलम ये था,कि वहां उपस्थित श्रोता बार-बार वन्स मोर कहते सुने गए। बहरहाल,निशी सिंह की इस सुपर गायकी के कई फेंस ने उनके आटोग्राफ भी लिए।