दिल्ली के 1728 निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले की रेस शुरू हो चुकी है। स्कूलों ने अपने-अपने दाखिला फॉर्मूले में माता-पिता की नौकरी, वैक्सीनेशन, परिवहन, कोविड प्रभावित परिवार, प्रतिभावान बच्चा, जैसे अजब-गजब मानक भी बनाए हैं। सौ से अधिक अंक वाले दाखिला फॉर्मूले में स्कूल ऐसे मानकों को अधिकतम दस अंक तक दे रहे हैं। स्कूलों ने अपने दाखिला मानकों में ऐसे भी मानक शामिल किए हैं जो बैन हैं।
नजफगढ़ स्थित स्प्रिंगफील्ड कॉन्वेंट स्कूल ने अपने दाखिला मानकों में कामकाजी माता-पिता का मानक भी बनाया है। इसके लिए स्कूल 10 अंक दे रहा है, जबकि अन्य मानकों में दूरी (दो श्रेणी) 0-3 किलोमीटर को 60 अंक, तीन से छह किलोमीटर दूरी के लिए 30 अंक, एकल अभिभावक के लिए 10, भाई-बहन के लिए 10, कन्या के लिए 10 अंक तय किए हैं। इंटग्रेल मॉडल स्कूल ने अपने दाखिला फॉर्मूले में केवल दो मानक ही तय किए हैं। पहला है दूरी, जिसे दो श्रेणियों में बांटा गया है।
स्कूल से घर की एक किलोमीटर की दूरी के लिए 80 अंक व तीन किलोमीटर तक के लिए 20 अंक तय किए हैं, जबकि कोविड से बचाव का टीका लगा होने के मानक के लिए लिए 10 अंक तय किए हैं। यूनीक मांटेसरी स्कूल ने चार मानक (दूरी, भाई-बहन, कन्या, व कोविड प्रभावित परिवार) तय किए हैं। इनमें से कोविड प्रभावित परिवार को 10 अंक, दूरी के लिए 50, भाई-बहन को 20, कन्या के लिए 20 अंक निर्धारित किए हैं।
मानव भारती इंडिया इंटरनेशनल स्कूल ने अपने दाखिला मानकों में परिवहन को शामिल किया है। इसके लिए 10 अंक दिए जा रहे हैं। स्कूल ने आठ किलोमीटर तक की दूरी के लिए 40, आठ किलोमीटर से 13 किलोमीटर तक के लिए 30, भाई-बहन-20, पूर्व छात्र-10, पहला बच्चा-10, कन्या के लिए 10 अंक निर्धारित किए हैं। मॉडर्न परफेक्ट पब्लिक स्कूल ने दाखिला मानकों में प्रतिभावान बच्चे का मानक तय किया है। इसके लिए स्कूल 15 अंक तक देगा। वहीं गोद लिए बच्चे के लिए भी 15 अंक तय किए गए हैं।
शिक्षा निदेशालय को कार्रवाई करनी चाहिए
एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम प्रमुख सुमित वोहरा कहते हैं कि कई स्कूलों ने अपने मानकों में ऐसे मानक भी शामिल किए हैं, जिन्हें हाई कोर्ट ने बैन किया हुआ है। इनमें ट्रांसफर, कामकाजी माता-पिता, परिवहन जैसे मानक शामिल हैं। शिक्षा निदेशालय को ऐसे मानकों को शामिल करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।