नेटप्लिक्स पर आई वेब सीरीज ‘खाकी : द बिहार चैप्टर’ से चर्चा में आए आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा को भ्रष्टाचार के आरोप में सरकारी पद से निलंबित कर दिया गया है. वेब सीरीज ‘खाकी : द बिहार चैप्टर’ के रिलीज होने के बाद उन पर सरकारी सेवा में रहते हुए व्यावसायिक गतिविधियां चलाने का आरोप लगा था.
1998 बैच के आईपीएस अधिकारी पर पटना के विशेष जज की अदालत में एफआइआर दर्ज करवाई गई थी. लोढ़ा पर आरोप है कि उसने ऑनलाइन प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज के लिए फ्राइडे स्टोरी टेलर प्राइवेट लिमिटेड के साथ व्यावसायिक समझौते किए. इसमें उनको लगभग 50 लाख रुपये की अवैध कमाई हुई.
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक लोढ़ा पर विभाग द्वारा जांच करने पर भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए जिसके आधार पर सात दिसंबर को विशेष सतर्कता इकाई ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता 120B और 168 के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मामले की जांच अब डीएसपी रैंक के अधिकारियों द्वारा की जाएगी.
बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं अमित लोढ़ा
अमित लोढ़ा बिहार कैडर के 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले अमित लोढ़ा यूपीएससी की परीक्षा 25 साल की उम्र में पास कर ली थी. उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली से स्नातक की डिग्री हासिल की है.
अमित लोढ़ा साल 2006 में चर्चा में पहली बार आए थे जब उन्होंने बिहार के शेखपुरा में खुंखार अपराधी अशोक महतो और पिंटू महतो को जेल भेजा था. इसके लिए उन्हें पुलिस गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
‘बिहार डायरीज’ काफी फेमस
साल 2017 में आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा ने ‘बिहार डायरीज’ नाम की किताब लिखी. यह किताब काफी दिनों तक बेस्ट सेलर बनी रही थी. हाल में नेटफ्लिक्स पर आई वेबसीरिज ‘खाकी : द बिहार चैप्टर’ भी इसी किताब पर आधारित है. ‘खाकी : द बिहार चैप्टर’ 25 नवंबर को रिलीज हुई थी और लोग उसे काफी पसंद कर रहे हैं.
अमित लोढ़ा पर आरोप है कि उन्होंने किताब लिखने और वेब सीरीज के लिए पुलिस मुख्यालय और राज्य सरकार से इजाजत नहीं ली थी जिसके कारण उन पर लोकसेवा अधिनियम के उल्लंघन का आरोप है. इसके साथ ही अमित लोढ़ा की पत्नी कौमुदी लोढ़ा और वेव सीरीज ‘खाकी : द बिहार चैप्टर’ के प्रोडक्शन हाउस के बीच करीब 50 लाख रुपये के लेनदेन का आरोप है.