राजधानी दिल्ली में 57 लाख से ज्यादा घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से 40 लाख लोग दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा में सब्सिडी के लिए रजिस्ट्रेशन करवा कर उसका फायदा उठा रहे हैं. वहीं 15 लाख से अधिक घरेलू बिजली उपभोक्ताओं ने दिल्ली सरकार द्वारा मिल रहे सब्सिडी लेने से मना कर दिया है. ये वें लोग है जो सक्षम हैं और सब्सिडी नही लेना चाहते हैं, उनका कहना है कि वे दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सहयोग करना चाहते हैं. सरकार सब्सिडी के फंड से दिल्ली की आम जनता को सभी प्रकार की बेहतर सुविधा मुहैया करायें ताकि किसी को किसी भी प्रकार की परेशानी न उठाना पड़े.
सरकार टैक्स के पैसे का सही उपयोग करें
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के लोग जिसमें सरोजिनी नगर मिनी मार्केट ट्रेडर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक रंधावा, नितिन भाटिया, संजय बजाज, राजेश मेहता, गौरव बत्रा और लक्ष्य समेत अन्य लोगों ने बताया कि वे सभी लोग सब्सिडी नहीं लेना चाहते हैं. वो दिल्ली के विकास में अपना कंट्रीब्यूशन करना चाहते हैं. इसलिए वो अपने इस्तेमाल किए हुए बिजली का पूरा भुगतान पहले से भी करते आयें हैं और आगे भी करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उन लोगों के टैक्स के पैसे से दिल्ली की सड़कों का सुधार हो, हॉस्पिटल में सभी लोगों का सही इलाज हो, स्कूल बेहतर बने अच्छी पढ़ाई हो और पॉल्यूशन से सरकार जल्द निजात दिलाए. हम बस सही समय और बेहतर तरीके से सुविधाओं की अपेक्षा करते हैं.
गरीबी रेखा से नीचे वाले लोग लें सब्सिडी
दिल्ली में सब्सिडी उन लोगों को ही लेनी चाहिए जो गरीबी रेखा से नीचे हैं या जो बीपीएल कार्ड धारक हैं. कुछ लोगों ने बताया कि उनके घर की 200 यूनिट के आसपास बिजली की खपत होती है. हमें सब्सिडी की जरूरत नहीं महसूस हुई, जिन लोगों को जरूरत है वह अगर सब्सिडी ले तो ज्यादा अच्छा रहेगा. अब सारे ही लोग फ्री में बिजली लेने लगेंगे तो अच्छी बात नहीं है, जिनकी इनकम ठीक ठाक है, या जो टैक्स भरते हो अगर वे भी सब्सिडी लेने लगेंगे तो यह कोई अच्छी बात नहीं होगी. दिल्ली के जरूरतमंद लोगों को सरकार की इस सुविधा का लाभ भी मिलता रहे और सरकार का थोड़ा बोझ भी कम हो जाये.
आप पार्टी के आने से बिजली बिल पर सब्सिडी मिलने लगा
साल 2015 में जब आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी तब से दिल्ली की जनता को बिजली सब्सिडी मिलने लगी. दिल्ली में घरेलू बिजली उपभोक्ता को 2 रूपों में सब्सिडी मिलती है जो लोग एक महीने में 200 यूनिट तक की बिजली उपयोग करते हैं उन्हें 100% छूट दी जाती है यानी दिल्ली में ऐसे 30 लाख लोग हैं जिनको बिजली पर 100% छूट दी जाती है. वहीं 201 से 400 यूनिट तक का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को 800 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है. ऐसे लोगों की संख्या 16 से 17 लाख के आसपास है. अगर सभी यह सोचने लगे की बिजली पर सब्सिडी ले कर सारी चीजे ठीक हो जाएंगी तो ऐसा तो नहीं हो सकता. चालू वित्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार ने सब्सिडी योजना के लिए 3,250 करोड़ रुपये अलग रखे हैं. 2021-22 में योजना के लिए निर्धारित राशि 3,090 करोड़ रुपये थी.
40,28,915 उपभोक्ताओं ने सब्सिडी के लिए आवेदन किया
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मंगलवार शाम तक 40,28,915 उपभोक्ताओं ने सब्सिडी के लिए आवेदन किया. इनमें बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड के 9.88 लाख उपभोक्ता, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड के 18.28 लाख उपभोक्ता और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड के 11.28 लाख उपभोक्ता शामिल हैं. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद क्षेत्र के अंतर्गत अन्य 13,882 उपभोक्ताओं ने भी सब्सिडी के लिए आवेदन किया है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘केवल वे उपभोक्ता जिन्होंने 15 नवंबर तक अपना आवेदन जमा किया है, उन्हें अक्टूबर के लिए सब्सिडी मिलेगी. वहीं 15 नवंबर के बाद जमा किए गए आवेदनों पर दिसंबर और उसके बाद के महीनों के लिए विचार किया जाएगा.