आपराधिक वारदातों में शामिल होने की वजह से घर से दरकिनार किए गए एक 64 वर्षीय बुजुर्ग बदमाश ने अपना गैंग बना लिया और लूटपाट करने लगा। वह पीड़ितों का गला दबाकर उनसे लूटपाट करता था। अलीपुर इलाके में बुजुर्ग अपने साथियों के साथ रविवार रात एक युवक से लूटपाट करने लगा, लेकिन युवक ने बहादुरी दिखाते हुए लूटपाट कर भाग रहे आरोपी को दबोच लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
शुरुआती जांच में पता चला कि बुजुर्ग पर पहले से डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हैं। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने एक सहयोगी बदमाश को दबोच लिया है। जबकि एक अन्य फरार बदमाश की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। रविवार शाम को पुलिस को बुढ़पुर बस स्टैंड पर लूटपाट और एक बदमाश के पकड़े जाने की जानकारी मिली।
सूचना मिलते ही अलीपुर थाने की पुलिस वहां पहुंच गई। पुलिस ने देखा कि शिकायतकर्ता ने एक बुजुर्ग को पकड़ रखा है। शिकायतकर्ता की पहचान महेंद्र नगर, कंचनपुर, उत्तराखंड निवासी बलदेव भट्ट के रूप में हुई है। उसने बताया कि वह बेंगलूरु में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। दो माह की छुट्टी लेकर वह अपने गांव आया था।
रविवार को वह अलीपुर गांव में रहने वाले अपने चाचा केशव से मिलने आया था। उसे चाचा का घर का पता नहीं मालूम था। वह शाम को बुढ़पुर बस स्टैंड पर बस से उतरा। वहां उसने बस स्टैंड पर बैठे तीन लोगों से अलीपुर गांव जाने का रास्ता पूछा। तीनों उसके पास आए और बुजुर्ग से दिखने वाले व्यक्ति ने उसका गला चॉक कर दिया और लूटपाट करने लगे। एक बदमाश ने उससे मोबाइल फोन छीन लिया, जबकि बुजुर्ग ने उसका बैग छीन लिया। बदमाश पीड़ित को नीचे गिराकर वहां से भागने लगे। पीड़ित ने बहादुरी दिखाते हुए बदमाशों का पीछा किया और बुजुर्ग बदमाश को दबोच लिया।
पुलिस ने बुजुर्ग को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से बैग बरामद कर लिया। उसकी पहचान शराफत हुसैन के रूप में हुई। पूछताछ में उसने बताया कि वह मंगोलपुरी का रहने वाला है। उस पर 18 मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर 40 वर्षीय सहयोगी सुरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।
आपराधिक प्रवृत्ति से त्रस्त था परिवार
आरोपी ने बताया कि वह एक अपराध के सिलसिले में जेल में था। जेल से निकलने के बाद परिवार वालों ने उसे बेदखल करते हुए अपने साथ रखने से मना कर दिया। उसके बाद वह शाहबाद डेयरी में रहने लगा। गुजर-बसर के लिए गैंग बनाकर वह लूटपाट की वारदात को अंजाम देने लगा।