एमसीडी के महापौर व उपमहापौर पद के चुनाव में प्रदेश भाजपा आप को कड़ी टक्कर देने के लिए अपने उम्मीदवार उतारने की रणनीति तैयार कर रही है। पार्टी ने एमसीडी में धुरंधर रहे अपने दो नेताओं को इसकी कमान सौंपी है। दरअसल, एमसीडी सदन में भाजपा के पास जीत का जादुई आंकड़ा नहीं होने की वजह से पार्टी निर्दलीय पार्षदों पर दांव लगा सकती है।
प्रदेश भाजपा ने महापौर, उपमहापौर व सदन से चुने जाने वाले स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव में जीत हासिल करने की रणनीति तय करने की जिम्मेदारी विधायक व एमसीडी की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और एकीकृत एमसीडी के अलावा दक्षिण दिल्ली नगर निगम में बड़े पदों पर रहे सुभाष आर्य को दी है। सुभाष आर्य ने बताया कि उनकी पार्टी महापौर व उपमहापौर के चुनाव के लिए पार्षदों का नामांकन पत्र हर हाल में दाखिल कराएगी।
हालांकि, उन्होंने इन दोनों पदों पर भाजपा या फिर निर्दलीय पार्षदों को चुनाव लड़ाने के मामले में पत्ते नहीं खोले। उन्होंने कहा कि इन पदों के लिए पार्षदों के नामों के मामले में नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन मंगलवार को तस्वीर साफ होगी। सूत्रों के अनुसार एमसीडी में जीत का आंकड़ा नहीं होने के कारण भाजपा का एक खेमा महापौर व उपमहापौर पद पर निर्दलीय पार्षदों को आगे करने की वकालत कर रहा है।
इस खेमे का कहना है कि यह कदम उठाने से उनकी हार होने पर पार्टी की किरकिरी नहीं होगी और तीन माह बाद इन पदों पर अपने पार्षदों को उतारकर पार्टी को पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ना चाहिए, जबकि एक अन्य खेमा इन दाेनों पदों पर अपने पार्षदों पर दांव लगाने पर जोर दे रहा है। इस खेमे के नेताओं ने सुझाव दिया है कि ऐसे पार्षदों को उम्मीदवार बनाया जाए जिनके कारण आम आदमी पार्टी में सेंध लग सके।
निर्दलीय पार्षद पर दांव लगाने की तैयारी
सूत्र बताते है कि भाजपा महापौर पद के लिए नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ईसापुर वार्ड से निर्दलीय पार्षद मीना यादव के अलावा इसी क्षेत्र के दिचाऊं कलां वार्ड सेे अपनी पार्षद नीलम कृष्ण पहलवान के नाम पर विचार कर रही है। भाजपा दक्षिण दिल्ली नगर निगम की महापाैर व नेता सदन रही और द्वारका बी वार्ड की पार्षद कमलजीत सहरावत की भी जीत की संभावना तलाश रही है।
वहीं भाजपा उपमहापौर के लिए मुंडका वार्ड से निर्दलीय पार्षद गजेंद्र दराल के साथ-साथ अपने पूर्वांचल पृष्ठभूमि के पार्षद पर दांव लगाने की सोच रही है। दूसरी ओर भाजपा के कुछ नेताओं ने पार्टी को तर्क दिया है कि आम आदमी पार्टी ने महापौर व उपमहापौर पद के अलावा स्थायी समिति के सदस्यों के लिए पार्षदों के नाम तय करने में गांवों व अनधिकृत कालोनियों के पार्षदाें की अनदेखी है। इस कारण पार्टी ने आम आदमी पार्टी को घेरने के लिए गांवों व अनधिकृत कालोनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्षदों को महापौर व उपमहापौर का चुनाव लड़वाना चाहिए। इन दोनों इलाके के पार्षदों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है।