ठंड अधिक होने पर अस्थमा, हार्ट अटैक व लकवा के मामले तो बढ़ ही जाते हैं, बुजुर्गों को निमोनिया होने का खतरा भी अधिक होता है। डाक्टर कहते हैं कि यदि बुजुर्गों को खांसी होने पर हल्का बुखार रहता हो तो उसे नजरअंदाज न करें। यह निमोनिया का लक्षण हो सकता है। यह बीमारी घातक साबित हो सकती है। इसलिए खांसी के साथ हल्का बुखार हो तो बुजुर्गों को डाक्टर से जरूर दिखाएं।
प्राइमस अस्पताल के जेरियाट्रिक विभाग के विशेषज्ञ डा. विजय गुर्जर ने बताया कि इन दिनों बुजुर्गों में ब्लड प्रेशर बढ़ने की परेशानी अधिक देखी जा रही है। ठंड अधिक होने के कारण अचानक ही ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसलिए अभी नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच जरूरी है। यदि ब्लड प्रेशर बढ़ा हो तो डाक्टर से संपर्क कर जरूरत के अनुसार दवा की डोज बढ़वा लें।
डॉक्टर से जरूर करें संपर्क
इसके अलावा इन दिनों बुजुर्गों को निमोनिया अधिक होता है। निमोनिया का संक्रमण होने पर खांसी व बुजुर्गों को हल्का बुखार हो सकता है। इसके साथ यदि खाना पीना कम हो जाए व सांस लेने में परेशानी हो तो डाक्टर से संपर्क कर जरूरी जांच करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में बुजुर्गों के गिरने की घटनाएं अधिक होती हैं। ऐसी घटना से बचाव के लिए अधिक सतर्क रहना चाहिए। सुबह में अभी सैर के लिए जाना घातक साबित हो सकता है। इसलिए अभी सुबह में घर से बाहर न निकलें।
निमोनिया से बचाव के लिए लगवा सकते हैं टीका
उन्होंने कहा कि निमोनिया से बचाव के लिए 60 से 75 वर्ष तक की उम्र के बुजुर्गों को हर पांच वर्ष में निमोनिया का टीका लेना चाहिए। वहीं 75 वर्ष से अधिक उम्र वालों को एक बार यह टीका लगता है। जिन्होंने निमोनिया का टीका नहीं लिया वे टीका लगवा सकते हैं। इसके अलावा सामान्य फ्लू से बचाव के लिए हर वर्ष टीका लेना चाहिए। कोई बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण कोई भी संक्रमण होने का खतरा उन्हें अधिक होता है।