मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से सरकार के कामकाज में दखल देने और मंत्रिपरिषद को दरकिनार कर फैसले करने पर सार्वजनिक बहस की अपील की है। उपराज्यपाल को भेजे अपने जवाबी पत्र में उन्होंने लिखा कि सरकार को दरकिनार करने पर आप अपना पक्ष सार्वजनिक करें।
केजरीवाल ने पत्र में लिखा है कि अधिकारियों से सीधे अधिसूचना जारी कराकर 10 एल्डरमैन, पीठासीन अधिकारी और हज कमेटी की नियुक्ति करने पर जनता ने कड़ी आलोचना की है। इन पर आपका कहना है कि उन सभी एक्ट व प्रावधान में लिखा था कि प्रशासक-उपराज्यपाल नियुक्त करेंगे।
तो अब क्या बिजली, स्वास्थ्य, पानी, शिक्षा से संबंधित सभी विभाग सीधे आप ही चलाएंगे? फिर दिल्ली की चुनी हुई सरकार क्या करेगी? क्या यह निर्वाचित सरकार से संबंधित स्थानांतरित विषयों पर सुप्रीम कोर्ट के सभी निर्णयों के विपरीत नहीं होगा? यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण हैं इसलिए निजी बातचीत से बेहतर है कि सार्वजनिक चर्चा हो।