दिल्ली जल बोर्ड के पानी की गुणवत्ता की आनलाइन निगरानी की जाएगी। जल बोर्ड इसकी तैयारी में जुट गया है। इस काम के लिए कच्चे पानी के स्रोत, सभी जल शोधन संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) व भूमिगत जलाशयों में सेंसर लगाए जाएंगे। इससे पानी की गुणवत्ता की वास्तविक समय में निगरानी हो सकेगी।
पानी की गुणवत्ता से संबंधित डाटा डैशबोर्ड पर आनलाइन उपलब्ध होगा। मौजूदा समय में जल बोर्ड के कर्मचारी अलग-अलग संयत्रों से पानी का सैंपल लेते हैं। इसकी संयंत्रों में बनी लैब में जांच होती है। गुणवत्ता मानक पर खरा उतरने के बाद ही संयंत्र से जलापूर्ति की जाती है।
कर्मचारी संयंत्रों के अलावा यूजीआर (भूमिगत जलाशय) और विभिन्न कालोनियों से भी पानी के सैंपल लेकर उसकी गुणवत्ता जांच करवाते हैं। जल बोर्ड के शोधन व गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के निदेशक संजय शर्मा ने बताया कि मैनुअल तरीके से पानी की गुणवत्ता जांच के साथ-साथ आनलाइन गुणवत्ता निगरानी की व्यवस्था भी की जा रही है। वजीराबाद में नदी, कच्चे पानी के अन्य स्रोत, डब्ल्यूटीपी और यूजीआर में सेंसर लगाए जाएंगे। सेंसर एक साफ्टवेयर के माध्यम से हर दस मिनट में पानी की गुणवत्ता का डाटा डैशबोर्ड पर अपडेट करेंगे।
जल शोधन संयंत्रों व भूमिगत जलाशयों में लगाए जाएंगे सेंसर
गुणवत्ता खराब होने पर मैसेज व ईमेल से तुरंत मिलेगी सूचना अधिकारी रखेंगे नजर, हर स्तर पर होगी जांच यमुना व गंगा का पानी नदी व नहर से पहले डब्ल्यूटीपी और वहां से भूमिगत जलाशय में पहुंचता है। हर स्तर पर पानी की गुणवत्ता निगरानी होगी। किसी भी स्तर पर पानी की गुणवत्ता खराब होने पर साफ्टवेयर मैसेज व ईमेल के जरिये अधिकारियों को सूचना मिल जाएगी।