साहिबाबाद में डीएलएफ कॉलोनी की गोकुलधाम सोसायटी में कैरम बोर्ड टूटने पर इसके लिए सहेली पायल के चार साल के बेटे आदि को जिम्मेदार मानकर ज्योति (24) इतने गुस्से में आ गई कि आपा ही खो बैठी।
आरोप है कि लिव इन में रह रही ज्योति ने अंजाम सोचे बगैर मासूम के पेट में इतनी जोर से लात मारी कि उसकी जान ही चली गई। इसके बाद खुद को बचाने के लिए उसने घटना को हादसे का रूप देने की कोशिश भी की लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उसकी चाल नाकाम कर दी। पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट से उसे जेल भेज दिया गया।
23 जनवरी की है घटना
घटना 23 जनवरी की देर शाम हुई। दिल्ली के खिचड़ीपुर निवासी पायल के पति अरुण कुमार ने बताया कि उनकी मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान है। पत्नी से उनका तलाक का केस चल रहा है। इस केस में 23 जनवरी को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई थी। जिसके लिए पायल कोर्ट में आई थी।
पायल ने पुलिस को बताया कि वह कोर्ट में जाते समय बेटे आदि को सहेली ज्योति के पास छोड़ गई थी। देर शाम ज्योति ने बताया कि उसके पैर में मोच आने से वह आदि के ऊपर गिर पड़ी, जिससे उसे चोट लग गई है। उसे दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आदि के पिता ने पुलिस में दर्ज कराया मामला
अरुण का कहना है कि बेटे की हालत गंभीर होने की सूचना पर वह और परिजन अस्पताल पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्हें पायल, ज्योति और जॉनी (ज्योति का लिव इन पार्टनर) की बातों पर शक हुआ तो साहिबाबाद थाना पुलिस से शिकायत की।
उपचार के दौरान ही बच्चे की मौत हो गई। पुलिस ने बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया। इसकी रिपोर्ट से पता चला कि आदि की मौत लिवर फटने से हुई है। उसे बाहर की तरफ से चोट लगी थी। शरीर पर एक ही जगह चोट का निशान था। इससे साफ था कि ज्योति उस पर गिरी नहीं है।
सख्ती से पूछताछ में कुबूल किया सच
पुलिस ने ज्योति को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह काफी देर तक झूठ बोलती रही कि जो कुछ हुआ, वह हादसा था। सख्ती से पूछताछ में उसने सच कुबूल किया। साहिबाबाद की एसीपी पूनम मिश्रा ने बताया कि ज्योति ने बच्चे को लात मारना कुबूल किया।
उसने बताया कि वह कैरम बोर्ड को उठाकर अलमारी के ऊपर रख रही थी। आदि वहीं पर खेल रहा था। उसने अचानक उसका पैर पकड़ लिया। इससे वह गिर पड़ी। उसके हाथ से छूट जाने से कैरम बोर्ड टूट गया।
उसके पैर में भी मोच आई। इससे उसे गुस्सा आ गया। उसने आदि के पेट में बहुत जोर से लात मारी। वह बेहोश हो गया। इस पर उसकी मां को बताया। इसके बाद आदि को अस्पताल ले गए। सब कुछ अचानक हुआ, उसका इरादा बच्चे की जान लेने का नहीं था।
आदि के पिता ने पत्नी पर भी दर्ज कराया केस
अरुण ने तहरीर में आदि की मौत के लिए पत्नी पायल को भी जिम्मेदार ठहराया है। गैर इरादतन हत्या की एफआईआर में उसे भी नामजद किया गया है। पुलिस ने पायल से भी लंबी पूछताछ की।
उसने बताया कि वह घटना के वक्त ज्योति के घर पर मौजूद नहीं था। कोर्ट में तारीख से आने के बाद वह बीमार सहेली को देखने चली गई थी। वहीं पर ज्योति ने फोन से बताया कि आदि को चोट लगी है, तब आई।
बेटी की हो गई थी कैंसर से मौत
अरुण ने बताया कि उसकी शादी सीमापुरी निवासी पायल से 2010 में हुई था। उनकी नौ साल की बेटी रितु और चार का बेटा आदि था। दो साल पहले कैंसर से रितु की मौत हो चुकी है जबकि छह जनवरी 2020 से पायल उनको छोड़कर डीएलएफ में अलग रह रही हैं। उसका आरोप है कि पुलिस ने पायल की गलती होते हुए भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की।