सिटी फोरेस्ट में चार साल की मासूम बच्ची की हत्या करने के बाद उसकी लाश के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी फैक्टरी मजदूर सोनू गुप्ता (20) शुक्रवार को दोषी करार दिया गया। पॉक्सो कोर्ट शनिवार को उसके गुनाह की सजा सुनाएगी। उसने कोर्ट में कुबूल किया कि यह दरिंदगी उसने ही की थी। सिटी फोरेस्ट के पास ही अपने घर के बाहर चबूतरे पर खेल रही बच्ची को वह उठाकर ले गया था।
राज मिस्त्री की बेटी के साथ उसने यह हैवानियत एक दिसंबर की दोपहर की थी। सीसीटीवी फुटेज में वह बच्ची को ले जाता नजर आया था। इसी आधार पर पुलिस ने उसे नंदग्राम के आश्रम रोड स्थित उसके घर से सात दिसंबर को गिरफ्तार किया था। उसने पुलिस पूछताछ में बताया था कि यह गुनाह उसने ही किया था। कोर्ट में भी उसने यही बयान दिया कि वह दुष्कर्म के इरादे से बच्ची का अपहरण कर ले गया था।
बच्ची चीखने की कोशिश करने लगी तो डायपर मुंह में ठूंसकर पहले हत्या की और फिर लाश के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने इस मामले में 14 दिन में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। कोर्ट में 48 दिन में सुनवाई पूरी हो गई। 56वें दिन उसे दोषी करार दे दिया गया। पाक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने उसकी सजा पर शनिवार को फैसला होगा। उस पर दुष्कर्म, हत्या, अपहरण, साक्ष्य मिटाने का अपराध सिद्ध हुआ।
तारीख पर तारीख नहीं, 11 दिन में 16 की गवाही
इस केस में पहले पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सिर्फ 14 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद अदालत में भी मामला तेजी से चला। सिर्फ 11 दिन के भीतर सभी 16 गवाहों के गवाही पूरी हो गई। फोरेंसिक जांच में भी देरी नहीं हुई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, डीएनए परीक्षण रिपोर्ट कोर्ट में रखी। सबसे खास बात यह रही कि सभी गवाह अपने उस बयान पर कायम रहे, जो उन्होंने पुलिस को दिए थे। बच्ची के अपहरण के दौरान एक महिला ने सोनू को देखा था। उसने कोर्ट में इसकी गवाही दी। सोनू ने भी अपना जुर्म कुबूल किया। उसने घटनाक्रम के बारे में बताया कि वह 12वीं की एक छात्रा का कई दिन से पीछा कर रहा था। एक दिसंबर को उसके पीछे ही सिटी फोरेस्ट में गया था। उसने टिकट लिया था। वह छात्रा वहां से चली गई तो वह सिटी फोरेस्ट से बाहर निकला।