मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मधु विहार में रहने वाले एएसआई शंभू दयाल मीणा के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की। साथ ही दिल्ली सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि का चेक भी परिवार वालों को सौंपा।
मायापुरी थाने में तैनात मीणा 4 जनवरी को एक महिला की शिकायत पर मोबाइल छीनने के आरोपी को पकड़ने गए थे। आरोपी ने चाकू से हमला कर उनको गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इलाज के दौरान अस्पताल में उनका निधन हो गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद शंभू दयाल मीणा ने बहादुरी से जनता की सेवा की। उनकी शहादत व हिम्मत को पूरी दिल्ली और देश सलाम करता है। मीणा जैसे पुलिसकर्मियों पर बहुत गर्व है। आज के जमाने में ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो अपनी जान दांव पर लगा कर समाज की सेवा करें। इस दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और स्थानीय विधायक भावना गौर भी मौजूद रहे। सभी ने मीणा के पिता मातादीन मीणा, पत्नी संजना और उनके तीनों बच्चों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी।
राजस्थान के सीकर के मूल निवासी थे
शंभू दयाल मीणा मूल रूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। उनकी उम्र 57 वर्ष थी। वह वर्ष 1993 में पुलिस सेवा में शामिल हुए थे और वर्तमान में वो दिल्ली पुलिस में बतौर सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) कार्यरत थे और उनकी तैनाती मायापुरी थाने में थी। मीणा अकेले ही शिकायतकर्ता के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे। उन्होंने आरोपी पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन आरोपी ने उनपर चाकू से कई बार किए। खाली हाथ होने के बावजूद साहस का परिचय देते हुए अपराधी को दबोच लिया और पुलिस थाने से पुलिस बल के पहुंचने तक अपराधी को भागने नहीं दिया।