महरौली में लगातार चौथे दिन भी डीडीए ने तोड़फोड़ की। हालांकि सोमवार को भी स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिसबल बड़ी संख्या में मौजूद होने के कारण स्थानीय लोग डीडीए के अभियान को रोक नहीं सके। पुलिसबल ने उन्हें तोड़फोड़ की कार्रवाई वाली जगह से काफी दूर रोक लिया। इस तरह डीडीए ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
डीडीए के अधिकारी सोमवार सुबह भारी पुलिसबल के साथ महरौली पहुंचे। इस दौरान उन्होंने तोड़फोड़ की कार्रवाई करने से पहले मकान खाली कराने शुरू किए। उनके इस कदम का इलाके के लोगों ने विरोध किया। उन्होंने डीडीए व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की, लेकिन पुलिस ने उनको कुछ देर बाद खदेड़ दिया। इस तरह पुलिस के आगे उनकी एक नहीं चली। इसके बाद डीडीए ने गत तीन दिनों की तरह चौथे दिन भी मकानों को धराशायी करना शुरू कर दिया। उधर लोग बेबस होकर अपने मकानों को टूटता हुआ देखते रहे।
इस मौके पर लोगों ने डीडीए के अधिकारियों से आग्रह किया कि वह कुछ समय के लिए तोड़फोड़ नहीं करें, क्योंकि उन्होंने स्थगन आदेश के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है, मगर अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी और कार्रवाई जारी रखी। अधिकारियों ने उनको बताया कि यह सरकारी जमीन है। इस कारण यहां पर बने सभी मकानों को तोड़ा जाना है। वह उनके कार्य में बाधा नहीं डाले। कोर्ट से उन्हें कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है।
पैमाइश का आदेश रद्द करने के बाद तोड़फोड़ करना गलत
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने महरौली में पैमाइश का आदेश रद्द कर दिया है। इसके बावजूद भाजपा शासित डीडीए और उपराज्यपाल लोगों के सिर से छत छीनने का काम कर रहे हैं। इस बारे में उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र सौंपकर तोड़फोड़ की कार्रवाई रुकवाने का निवेदन किया, लेकिन उपराज्यपाल ने इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के आदेश के अनुसार महरौली में तोड़फोड़ की कार्रवाई गलत तरीके से की गई है। वहीं महरौली से विधायक नरेश यादव ने राजस्व मंत्री के आदेश के बावजूद तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी रहने की निंदा की।