हिंदू कॉलेज के तदर्थ शिक्षक रहे समरवीर ने संदिग्ध परिस्थितियों में खुदकुशी कर ली। शव रानी बाग स्थित घर में फंदे पर लटका मिला। शुरुआती जांच में पता चला कि हिंदू कॉलेज में हाल ही में उनकी जगह किसी दूसरे को नियुक्त किया गया था।
परिजनों ने बताया कि इसके बाद से वे अवसाद में थे। हालांकि, कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस खुदकुशी मानकर मामले की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार, बुधवार को डीटीसी अपार्टमेंट रानीबाग में ऊपरी मंजिल पर एक युवक के फांसी लगाए जाने की जानकारी मिली।
एक कमरे में लोहे का दरवाजे के साथ लकड़ी का दरवाजा लगा हुआ था। दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिसकर्मी किसी तरह दरवाजा खोलकर कमरे में घुसे जहां समरवीर चादर की मदद से पंखे से लटके हुए मिले।
घटनास्थल पर पुलिस ने क्राइम और एफएसएल टीम को बुलाकर जांच करवाई। मूलरूप से राजस्थान निवासी समरवीर की शादी भी नहीं हुई थी। छानबीन के दौरान पुलिस को शराब की खाली बोतलें और सिगरेट भी मिली है। बृहस्पतिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को शव सौंप दिया गया है।
तदर्थ शिक्षक की आत्महत्या से छात्र-शिक्षक राजनीति गरमाई
शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक समरवीर नौकरी खोने के बाद से मानसिक रूप से बहुत परेशान थे। उनकी आत्महत्या पर डीयू ने भी एक शोक संदेश जारी किया है। देर शाम शिक्षकों ने आर्ट्स फैकल्टी में एक श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की। इसमें बड़ी संख्या में शिक्षकों ने हिस्सा लिया। डीयू ने शोक संदेश में कहा है कि समरवीर के दु:खद और असामयिक निधन पर डीयू अपनी संवेदना व्यक्त करता है।
वहीं, परिजनों ने बताया कि समरवीर नौकरी खोने के बाद मानसिक रूप से बहुत परेशान थे। उनके कॉलेज की साथी कार्यकारी परिषद के सदस्य सीमा दास ने इसे एक संवेदनशील और झकझोर देने वाली घटना बताया है। आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन एएडीटीए के अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा का कहना है कि यह घटना बताती है कि किस तरह से एक तदर्थ शिक्षक विस्थापन का दर्द झेल रहे हैं और बड़ी संख्या में मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। हमारी मांग है कि जो शिक्षक जहां तदर्थ के रूप में पढ़ा रहा है उसे वहीं पर स्थायी किया जाए।