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Energy Audit : एनर्जी ऑडिट कराएगी दिल्ली सरकार, ऊर्जा बचत की दिशा में उठाया बड़ा कदम, मांग में आएगी स्थिरता

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ऊर्जा खपत को मापने के लिए दिल्ली सरकार एनर्जी ऑडिट कराएगी। ऑडिट का उद्देश्य यह भी है कि बिजली के अधिक इस्तेमाल करने वाले स्थानों का पता चल सके और स्मार्ट तरीकों से बिजली की खपत को कम करने की नीति तैयार की जा सके। सरकारी भवनों के साथ-साथ, सभी वाणिज्यिक मॉल, प्लाजा, अस्पताल, संस्थागत भवन, बहुमंजिला और ऊंची गैर-घरेलू इमारतों व उद्योगों का ऑडिट होगा, जिसमें स्वीकृत भार 500 किलोवाट और उससे अधिक है। बोर्ड ऑफ एनर्जी एफिशिएन्सी (बीईई) के नियमों के अनुसार विस्तृत एनर्जी ऑडिट सरकार कराएगी।

दिल्ली सरकार पांच सौ किलोवॉट और इससे अधिक इस्तेमाल करने वाले सभी बिजली उपभोक्ताओं को नोटिफिकेशन जारी करेगी। इसके बाद छह महीने के भीतर एनर्जी ऑडिट करवाना होगा। साथ ही सभी को तीन साल में एक बार एनर्जी ऑडिट करवाना अनिवार्य होगा और ऑडिट रिपोर्ट की सिफारिशों को अमल में लाना होगा। ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि ‘एनर्जी ऑडिट’ से पता चलेगा कि बिजली का अत्यधिक उपयोग कहां हो रहा है, इन स्थानों पर बिजली की खपत कैसे कम की जा सकती है। ऑडिट से मिले बिजली बचत के उपायों से दिल्ली में बिजली की मांग को स्थिर करने में मदद मिलेगी। ऊर्जा खपत को कम करने के साथ-साथ वित्तीय बोझ भी कम करने में मदद मिलेगी।

दिल्ली सरकार बिजली के दक्षतापूर्ण प्रयोग की दिशा में मिशन मोड में काम कर रही है। ऊर्जा संरक्षण के प्रति केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता भविष्य में ग्रीन और सस्टेनेबल दिल्ली की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। बिजली के सभी उपकरणों और उनकी वास्तविक ऊर्जा खपत को मापना, उसकी आवश्यक अनुमानित न्यूनतम ऊर्जा के साथ तुलना करना और फिर बिजली की बचत के लिए आर्थिक और तकनीकी रूप से जरूरी तरीकों की पहचान करना शामिल है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि माना जाता है कि यदि कोई उपभोक्ता बिजली की एक यूनिट की बचत करता है, वह बिजली संयंत्र में उत्पादित 2 यूनिट के बराबर होता है। ऐसे में ऑडिट से प्राप्त ऊर्जा-बचत उपायों से दिल्ली की समग्र बिजली मांग को स्थिर करने में मदद मिलेगी। यह पहल कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मददगार साबित होगी। सरकार दिल्ली में स्ट्रीट लाइटों के लिए भी एनर्जी ऑडिट करवाएगी। स्ट्रीट लाइट का रखरखाव मुख्य रूप से एमसीडी, एनडीएमसी और पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाता है।

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