Tuesday, October 15, 2024
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Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी व्रत कथा पढ़ें, जानें शुभ मुहूर्त और पारण समय

विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च और 7 मार्च को है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत रखते हैं. विजया एकादशी का व्रत रखने और विष्णु पूजा करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. यदि आपको कोई विशेष कार्य करना है तो आप विजया एकादशी का व्रत विधिपूर्वक रखें और पूजा करें. भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेकर कार्य का प्रारंभ करें, उस कार्य में आपको विजय प्राप्त होगी. जो लोग विजया एकादशी का व्रत रखेंगे, उनको विष्णु पूजा के समय व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए.

विजया एकादशी की व्रत कथा
धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से फाल्गुन कृष्ण एकादशी की महिमा के बारे में बताने को कहा. तब उन्होंने कहा कि इसे विजया एकादशी के नाम से जानते हैं. जो कोई विजया एकादशी का व्रत करता है, उसे सफलता और मोक्ष मिलता है, उसके पाप नष्ट हो जाते हैं. विजया एकादशी की कथा सुनो.

एक समय की बात है. नारद मुनि ने ब्रह्मा जी से विजया एकादशी के महत्व को बताने को कहा. उन्होंने बताया कि त्रेतायुग में अयोध्या के राजा दशरथ थे. उनकी पत्नी कैकेयी ने उन से दो वचन मांगें. राम को 14 साल का वनवास और भरत को राज सिंहासन. पिता की आज्ञा से राम जी अपने अनुज लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वन में चले गए. जहां रावण ने सीता का हरण कर लिया. सीता की खोज में राम और लक्ष्मण वन में भटकते रहे, जहां उनकी मुलाकात वीर हनुमान से हुई.

सुग्रीव से मित्रता के बाद वानर दल सीता माता की खोज में निकलता है. हनुमान जी माता सीता का पता लगाते हैं. फिर भगवान राम वानर सेना की मदद से लंका पर चढ़ाई करने की योजना बनाते हैं, लेकिन सबसे बड़ी बाधा समुद्र होता है. उसे कैसे पार किया जाए? एक दिन लक्ष्मण जी ने प्रभु राम को बताया कि यहां से कुछ दूरी पर वकदालभ्य ऋषि का आश्रम है. वहां चलकर उनसे समुद्र पार करने और लंका जाने पर सुझाव मांगा जाए.

भगवान राम वकदालभ्य ऋषि के पास पहुंचते हैं. उनको प्रणाम करके आने का उद्देश्य बताते हैं. इस पर वकदालभ्य ऋषि ने कहा कि फाल्गुन कृष्ण एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करें. यह व्रत आपको अपने भाई लक्ष्मण, सेनापति और अन्य प्रमुख सहयोगियों के साथ करना है. उन्होंने फाल्गुन कृष्ण एकादशी व्रत की पूरी विधि बताई. साथ ही आश्वस्त किया कि इस व्रत को करने से आपको अपने कार्य में सफलता मिलेगी.

वकदालभ्य ऋषि के सुझाव के अनुसार ही प्रभु राम ने विजया एकादशी का व्रत रखा और विष्णु पूजा की. कहा जाता है कि इस व्रत के पुण्य फल के प्रभाव से वानर सेना समुद्र पार करने में सफल रही है और लंका पर विजय प्राप्त हुई. भगवान राम ने रावण का वध कर माता सीता को मुक्त कराया. उसके बाद भगवान राम माता सीता के साथ अयोध्या लौट गए

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