Friday, November 22, 2024
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PUC फर्जीवाड़े पर चला सरकार का हंटर, अब ऐप से होगी प्रदूषण जांच

असल न्यूज़: मोटर व्हीकल के लिए पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट जरूरी है. व्हीकल मालिकों को तय समय के दौरान इसे अपडेट कराना होता है. इसके लिए पीयूसी सेंटर पर व्हीकल की जांच करानी होती है और फिर जांच के आधार पर पीयूसी मिलता (अगर व्हीकल जांच में पास होता है तब) है. लेकिन, पीयूसी सर्टिफिकेट जारी करने को लेकर काफी फर्जीवाड़े सामने आते हैं.

इसे कंट्रोल करने के लिए उत्तर प्रदेश में परिवहन विभाग ने कमर कस ली है. एनआईसी को प्रदूषण जांच पोर्टल को अपग्रेड करने के निर्देश दिए गए थे. अब ऐप से व्हीकल्स की प्रदूषण जांच होगी. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है. प्रदूषण जांच के समय व्हीकल्स के फिजिकल तौर पर उपलब्ध होने को सुनिश्चित करने और फेक एपीआई के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है.

इसके लिए पीयूसी सर्टिफिकेट पोर्टल को अपग्रेड करके पीयूसीसी वर्जन 2.0 पोर्टल बनाया है. नए पोर्टल को लखनऊ में कुछ प्रदूषण जांच केंद्रों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू भी कर दिया गया है. सिर्फ इतना ही नहीं, इसकी सफलता को देखते हुए अब पोर्टल को 15 अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. फिर, प्रदेशभर में सभी प्रदूषण जांच केंद्रों को पीयूसीसी सेंटर ऐप का इस्तेमाल करना होगा.

एक सेंटर पर तीन मोबाइल में ऐप इस्तेमाल की जा सकेगी. लेकिन, एक समय पर एक ही मोबाइल से लॉगिन रहेगी. इसका इस्तेमाल स्थायी प्रदूषण जांच केंद्र की 30 मीटर की दूसरी में ही किया जा सकेगा. वहीं, मोबाइल वैन प्रदूषण जांच केंद्र के लिए यह लिमिट परिवहन कार्यालय से 40km की होगी. इसके लिए ऐप में लोकेशन फीड करनी होगी.

इससे लोकेशन को ट्रैक किया जा सकेगा और ऐप के ऑपरेशन को स्मूथ बनाते हुए PUC फर्जीवाड़े पर लगाम लगाई जाएगी. PUC प्रोसेस करते हुए ऐप के जरिए व्हीकल के फ्रंट, साइड और रियर साइड की फोटो लेनी होगी. इसकी एक वीडियो भी रिकॉर्ड करनी होगा.

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