असल न्यूज़: हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है. सुहागिन स्त्रियां अपने पति के लंबी आयु की कामना से यह व्रत रखती है .धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से नव विवाहित दम्पति को संतान की प्राप्ति भी होती है. इसके अलावा घर में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहती है. इस बार वट सावित्री व्रत पर ग्रहों का भी अद्भुत संयोग बन रहा है.
काशी के ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार वट सावित्री का व्रत 6 जून को रखा जाएगा. इस दिन धृति योग के साथ शिववास योग का निर्माण हो रहा है. जो इस व्रत के प्रभाव को दोगुना कर देगा.
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शाम 6 बजकर 7 मिनट तक शिववास योग रहेगा. इस समय में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से घर में ऐश्वर्य का वास होगा और सुख-समृद्धि भी बनी रहेगी.
आपको बता दें कि ज्योतिषाचार्य के अनुसार धृति योग भी बन रहा है.वैदिक पंचांग के मुताबिक, 6 जून को रात 10 बजकर 8 मिनट से धृति योग की शुरुआत होगी. धार्मिक मान्यता है कि इस योग में पूजा और साधना से पति की आयु दीर्घायु होती है और अखंड सौभाग्य का वर प्राप्त होता है.