असल न्यूज़: उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक राजस्व देने वाले गौतमबुद्ध नगर में एक दो नहीं बल्कि चार हजार ऐसे लोग हैं, जो आयकर देने के बाद भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन उठा रहे थे। मुफ्त राशन के लिए गरीब बने ऐसे अमीर लोगों का राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है। जिले में ऐसे गरीबों की संख्या पांच हजार चिह्नित हुई है। इसके अलावा अभी 1 हजार लोगों की जांच जारी है। मुफ्त राशन के लिए गरीब बने अमीर लोगों की संख्या बढ़ने के साथ निरस्त राशन कार्ड की संख्या और बढ़ सकती है।.
केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना में कार्डधारक को पारिवारिक सदस्यों की संख्या के अनुसार बेहद कम दर पर गेहूं और चावल दिया जाता है। मुफ्त राशन के लिए अमीर से गरीब बने कार्डधारकों की प्रदेश सरकार को शिकायत मिलने के बाद जांच चल रही है। इसी कड़ी में राशन कार्ड से आधार कार्ड को लिंक करने का काम किया गया है।
वेरिफिकेशन में आया मामला
राशन कार्ड सत्यापन के दौरान मुफ्त राशन ले रहे लाभार्थियों की सूची से बाहरी मृतकों और विवाहित बेटियों समेत अन्य अपात्रों का नाम हटाने का काम किया जा रहा है। अनाज न मिलने और कम राशन दिए जाने समेत कई शिकायतों को खत्म करने के लिए पूर्ति विभाग अब प्रत्येक राशन कार्ड को मोबाइल से भी जोड़ने में जुटा
है। सत्यापन की इस प्रक्रिया के दौरान अब तक जिले में पांच हजार आयकरदाता कार्डधारक सामने आए हैं।
इसके साथ ही उन कार्ड धारकों के कार्ड भी निरस्त करने की प्रक्रिया चल रही है, जिन्होंने पांच महीनों से लगातार राशन नहीं उठाया है। विभाग ने ऐसे कार्ड धारकों की सूची तैयार कर ली है। निरस्त कार्ड के बदले में नए लोगों के कार्ड बनेंगे।
अपात्र ने बनवाए कार्ड
जिला आपूर्ति अधिकारी ओमहरि उपाध्याय ने बताया कि जिले में कुछ अपात्र लोगों ने राशन कार्ड बनवा लिए हैं, लेकिन वे राशन नहीं लेते हैं। ऐसे लोगों की जांच चल रही है। साथ ही पांच महीने से लगातार राशन नहीं लेने वाले 8 हजार लोगों के राशन कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।