असल न्यूज़: खौफ का दूसरा नाम लॉरेंस बिश्रोई के साम्राज्य की नींव चंडीगढ़ में पड़ी और दिल्ली में उसका साम्राज्य बढ़ा। वह जेल जाता रहा और उसका अपराधिक कुनबा बढ़ता रहा। जिस जेल में वह जाता वहां बंद गैंगस्टर व बदमाशों से उसकी दोस्ती हो जाती और उसके गिरोह में शामिल हो जाते या दोस्ती हो जाती। कुछ सालों के बाद ये हालात हो गए कि जिस जेल में लॉरेंस बिश्रोई जाता उसी जेल में उसके पुराने दोस्त/बदमाश मिल जाते। दिल्ली के जेलों में उसकी 40 से ज्यादा खतरनाक बदमाशों से दोस्तों व गिरोह से दोस्त हो गई। इनमें कई गिरोह तो अभी भी लॉरेंस के साथ हैं। उसके एक मामा सेशन कोर्ट से रिटायर जस्टिस हैं, जबकि दूसरे देश के खुफिया विभाग से सेवानृवित हैं।
गांव दूतारवली, तहसील अबोहर जिला फजिलका पंजाब निवासी लॉरेंस बिश्रोई बचपन में धावक बनना चहाता था। चंडीगढ़ में 11-12वीं कक्षा में 1500 मीटर दौड़ की तैयारी करता था। पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में प्रेक्टिस के दौरान उसकी मुलाकात लेखप्रीत (इस समय कनाडा में है और संदीप उर्फ काला जठेड़ी व अन्य गैंगस्टर का दोस्त था) व रोमी से दोस्ती हुई। ये सप्ताह के आखिरी में यूनिवर्सिटी में प्रोग्राम देखने जाते थे। यहां उसकी यूनिवर्सिटी से लॉ कर रहे छात्रों से दोस्ती हो गई। ये बाद में कॉलेज में उसके अच्छे दोस्त बने। वर्ष 2007 में उसे लॉ की पढ़ाई के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिल लिया और यहां संपत नेहरा आदि से उसकी दोस्त हो गई। पहले साल ही में चुनाव में वह एसओपीयू ग्रुप के प्रत्याशी रोबिन बरार के पक्ष में प्रचार करने लगा। विपक्षी ग्रुप पीयूएसयू के प्रत्याशी उदय खड़ा हुआ था।
प्रचार के दौरान विपक्ष गुट से झगड़ा होने पर उसने उनके ऊपर गोली चला दी। हालांकि विपक्षी प्रत्याशी तो बच गया ये वह पहला केस था जिसने वर्तमान दौरान दौर के लॉरेंस की पटकथा लिख दी थी। इसके बाद जिस जेल में ये जाता वहीं उसकी वहां बंद बदमाशों से दोस्ती होती गई और उसका गिरोह बढ़ता रहा। आज इसके गिरोह में 80 से ज्यादा गैंगस्टर व 700 से ज्यादा शूटर हैं। उसके खिलाफ 40 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पूरे उत्तर भारत में फैला हुआ है गिरोह राष्ट्रीय जांच एजेंसी की माने तो लॉरेंस का गिरोह पहले पंजाब तक ही सीमित था, लेकिन अपने करीबी सहयोगी गोल्डी बरार की मदद से लॉरेंस बिश्नोई ने हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के गिरोहों के साथ गठजोड़ करके एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया। ये गिरोह पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड सहित पूरे उत्तर भारत में फैल चुका है। बाबा सिद्दीकी को गोली मारने के मामले में पकड़े गए दो शूटर यूपी के ही हैं। एनआईए पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा पंजाब में हत्याओं और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बिश्नोई के शूटरों का इस्तेमाल करता है।
दिल्ली पुलिस ने डाली नकेल
लॉरेंस बिश्रोई पर दिल्ली पुलिस ने ही नकेल डाली थी और उस पर उसके साथियों के खिलाफ मकोका लगाया था। वह व उसके गैंगस्टर साथी दिल्ली की तिहाड़ जेल व मंडोली जेल में बंद रहे और हैं। हालांकि ये बात अलग है कि उसका अपराधिक कुनबा दिल्ली की जेलों में ही सबसे ज्यादा बढ़ा। दिल्ली की जेलों उसके गिरोह के साथ सबसे ज्यादा 40 से ज्यादा गैंगस्टर जुड़े। दिल्ली पुलिस नादिरशाह हत्याकांड समेत दिल्ली में कई अनेकों जगह रंगदारी मांगने के मामले में पूछताछ करना चहाती है। इस समय लॉरेंस गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। सरकार ने उस पर एक साल तक साबरमती जेल से बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। ये भी कहा जा रहा है कि इस प्रतिबंध को एक साल और बढ़ाया जा सकता है।
पंजाब जेल में दोस्ती
-भिवानी निवासी दीपक टीनू
-तरन तारन निवासी दलजीत सिंह भाना
– मलेरकोटला निवासी बग्गा खान कोतकपुरा निवासी गोरा (गोल्डी बर का साला)
– गुरुग्राम निवासी पवन नेहरा
– फरीदकोट निवासी मनप्रीत भाऊ
– तलवंडी सभो निवासी मनप्रीत मन्ना
– मोहाली निवासी जज्जी लैंडराण
– फिरोजपुर निवासी विक्की ताहिल
– सोनीपत निवासी मोनू डागर
– तरन तारन निवासी सराज सिद्धू
– होशियारपुर निवासी बिन्नी गुर्जर
– सोनीपत निवासी आकाश चौहान
– मानसा निवासी मोह
हरियाणा जेल में दोस्ती
– मनोज मंगरिया
– अंबाला निवासी विकास अंबाला
– यमुनानगर निवासी नोनी
– कुरुक्षेत्र निवासी राजेंद्र जाट
– पानीपत निवासी रवि जाकशी
– सोनीपत निवासी राजू बसोदी
– गुरुग्राम निवासी सुबे गुर्जर
– फरीदाबाद निवासी राजू
– झज्जर निवासी पवन तोतला
– हिसार निवासी संदीप सोनी
– रोहतक निवासी योगेश मास्टर
राजस्थान जेल में दोस्ती
– जोधपुर निवासी कैलाश माजू
– जोधपुर निवासी हीरा जाट
– अजमेर निवासी भोमाराम
– उदयपुर निवासी करीम लाला
– बीकानेर निवासी मिंटू मुदस्सिया
– बीकानेर निवासी दिनेश डागर
– उदौसा निवासी विक्की सिंह
– जयपुर निवासी आनंद
– चूरू निवासी श्रवण
– अजमेर निवासी आजाद सिंह
– अजमेर निवासी बहादुर
– भरतपुर निवासी जीतू मीणा
– धौलपुर निवासी रामदत्त
– गंगानगर निवासी खाका पिस्टो
दिल्ली जेल में दोस्ती
– सोनीपत निवासी रोहित मोही (गोगी गैंग)
– दिल्ली निवासी सोनू खरखड़ी
– उत्तम नगर दिल्ली निवासी सिमरन बादल
– हरी नगर दिल्ली निवासी रिंकू गैना लाल
– राजगढ़ निवासी संपत नेहरा
– दिल्ली निवासी रोहित कोटी
– दिल्ली निवासी प्रियाव्रत
– यमुनानगर निवासी काला राणा
– सोनीपत, हरियाणा निवासी काला जठेड़ी
– रोहतक निवासी अनिल सिप्पी
– रोहतक निवासी सचिन भांजा
– सोनीपत निवासी अक्षय पाल
– झज्जर निवासी कपिल बाबरा
– नजफगढ़ दिल्ली निवासी ज्योति बाबा
– नजफगढ़ निवासी अंकुश बालू
– मेरठ निवासी गौरव राणा
– मेरठ निवासी उधम सिंह
– मेरठ निवासी सरीन चौधरी
– यमुना दिल्ली निवासी असीम बाबा
– दिल्ली निवासी दीपक तीतर
– गांव कराला, दिल्ली निवास योगेश
– गांव अलीपुर, दिल्ली निवासी विजय
– गांव अलीपुर, दिल्ली निवासी विजय
– गांव अलीपुर, दिल्ली निवासी गुल्लू