असल न्यूज़: साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के सफदरजंग एनक्लेव इलाके में एक मकान में लगी आग से बुजुर्ग दंपती की दम घुटने से मौत हो गई। मृतकों की शिनाख्त गोविंद राम नागपाल (80) और इनकी पत्नी शीला नागपाल (79) के रूप में हुई है। घर में बुजुर्ग दंपती अकेले रहते थे। बुधवार सुबह अचानक किचन में आग लगी, जिसकी चपेट में आकर दोनों की मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची दमकल की तीन गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। बाद में दोनों को एंबुलेंस की मदद से सफदरजंग अस्पताल भेजा गया, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। क्राइम टीम के अलावा एफएसएल की टीम मामले की जांच कर रही है। शुरुआती जांच के बाद शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है। सफदरजंग एनक्लेव थाना पुलिस बीएनएस धारा 194 के तहत मामले की जांच कर रही है।
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कैसे हुआ हादसा?
पुलिस के मुताबिक, गोविंद राम नागपाल पत्नी शीला के साथ बी 2/204 सफदरजंग एनक्लेव के मकान की तीसरी मंजिल पर रहते थे। परिवार में पत्नी शीला के अलावा एक बेटा विनीत और एक बेटी मोना हैं। बेटी पश्चिम विहार में रहती हैं। जबकि बेटा विदेश में नौकरी करते हैं। गोविंद राम नागपाल केल्विनेटर कंपनी से सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। जबकि उनकी पत्नी शीला विद्या निकेतन से सेवानिवृत्त थी। पुलिस के मुताबिक, शीला पिछले एक साल बीमार चल रही थीं। वह चल फिर नहीं पाती थी। उनकी देखरेख के लिए एक अटेंडेंट रखा हुआ था।
पड़ोसियों ने दी आग लगने की सूचना
जानकारी के अनुसार, सुबह 5.57 बजे पड़ोसियों ने मकान में आग लगने की सूचना लोकल पुलिस व दमकल विभाग को दी। खबर मिलते ही दमकल तीन गाड़ियों के अलावा पुलिस भी मौके पर पहुंची। तीसरी मंजिल से तेज धुंआ निकल रहा था। दरवाजा खुला हुआ था। किसी तरह आग पर काबू पाया गया। आग बुझाने के बाद जब दमकल ने सर्च ऑपरेशन चलाया तो अंदर बुजुर्ग दंपती अचेत मिले। दम घुटने से दोनों अचेत थे। फौरन उनको अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया।
पति की बॉडी खिड़की के पास मिली
बीमारी व बुजुर्ग होने के कारण दोनों कमरे से बाहर नहीं निकल पाए। मृतका शीला पिछले एक साल से बीमार चल रही थीं। उनकी देखरेख के लिए अटेंडेंट रखा हुआ था। वह सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक रहता था। पड़ोस में रहने वाले आकाश ने बताया कि गोविंद राम चल फिर लेते थे। आकाश ने बताया कि दोनों बाहर नहीं निकलते थे। घटना के समय कोई चीखने-चिल्लाने की भी आवाज नहीं आई। आकाश की मानें तो अगर अटेंडेंट घटना के वक्त मौजूद होता तो शायद दोनों बुजुर्ग की जान बच जाती। वहीं फायर ऑफिसर विनय ने बताया कि सुबह कॉल मिलते ही वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। आग की लपटें बाहर निकाल रही थीं। लोगों ने बताया कि कमरे में बुजुर्ग लोग फंसे हुए है। दो टीम बनाई गई।
महिला ड्रॉइंग रूम में अचेत अवस्था में मिली
फायर ऑफिसर के अनुसार, आग बुझाने के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया तो महिला ड्रॉइंग रूम में बेड के ऊपर अचेत अवस्था में मिली। जबकि उनके पति दूसरे कमरे की खिड़की के पास अचेत अवस्था में मिले। सूत्रों की मानें तो बुजुर्ग ने धुंए से बचने के लिए खिड़की की तरफ गए होंगे। लेकिन ज्यादा धुंए के कारण उनका दम घुट गया। दमकल के अनुसार, जिस मकान में आग लगी वह 200 गज में बना हुआ है। दंपती तीसरी मंजिल पर रहते थे। तीसरी मंजिल पर तीन कमरे व एक ड्रॉइंग रूम था। आग किचन से शुरू हुई और एक अन्य कमरे को अपनी चपेट में ले लिया। वहीं पुलिस का कहना है कि बेटे के आने के बाद बुजुर्ग दंपती के शव का पोस्टमॉर्टम होगा।
पड़ोसियों ने क्या बताया?
पड़ोस में रहने वाली डॉक्टर रेखा ने बताया कि सुबह वह जैसे ही बालकनी में आईं तो देखा पड़ोस के घर में आग लगी हुई है। उनकी बेटी आकांक्षा ने मामले की सूचना दमकल व पुलिस को दी। रेखा के अनुसार, उनकी दोनों से कभी बात नहीं हुई। वह ज्यादा लोगों से बात-चीत नहीं करते थे। पुलिस सूत्रों की मानें तो मौके का मुआएना करने पर पता चला कि बुजुर्ग गोविंद राम ने आग लगने के बाद बचने की काफी कोशिश की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों बुजुर्ग दिल्ली पुलिस सीनियर सिटीजन सेल में दर्ज नहीं थे। वहीं पुलिस का कहना है कि एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद ही आग के सही कारणों का पता चल पाएगा।