Friday, May 2, 2025
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इंटरनेट पर नंबर सर्च कर हुईं फ्रॉड की शिकार, FD कराने के बाद भी गंवाए पैसे

असल न्यूज़: ऑनलाइन ऑर्डर में दूध की थैली फटी आ गई। महिला ने इंटरनेट से नंबर सर्च किया तो एक लाख रुपये गंवा दिए। वह बेटे के साथ अकाउंट फ्रीज कराने बैंक की ब्रांच में पहुंची। बैंक अफसर ने बची रकम सुरक्षित रखने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की सलाह दी। महिला ने 15 लाख और तीन लाख की दो अलग-अलग एफडी बनवा ली। अगले ही दिन 15 लाख रुपये वाली तोड़ दी गई, जिससे 10 लाख 50 हजार रुपये निकल गए। कुल 11.50 लाख की ठगी के लिए पीड़िता बैंक अफसरों को भी जिम्मेदार मान रही हैं।

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कंप्लेंट दर्ज करने के लिए इंटरनेट पर सर्च किया था नंबर
पीड़िता सुधा परिवार समेत मयूर विहार फेज़-1 में रहती हैं। उन्होंने बताया कि 18 दिसंबर को एक ऐप के जरिए घर का सामान मंगवाया था। दूध की थैली फटी आने की कंप्लेंट करने के लिए इंटरनेट से नंबर सर्च किया। कॉल करने पर दूसरी तरफ वाले युवक ने उनसे बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड की डिटेल निकलवा ली। युवक ने 19 दिसंबर को वट्सऐप कॉल किया और फिर से कुछ डिटेल मांगी। इस दौरान उनका बेटा आ गया, जिसे शक हुआ। मां का फोन चेक किया तो करीब 8 फेल ट्रांजैक्शन के मेसेज आए हुए थे।

पैसे निकलने के मैसेज फोन पर नहीं आए
बेटा उन्हें तुरंत ऐक्सिस बैंक की मयूर विहार फेज-1 स्थित ब्रांच ले गया। बैंक कर्मचारी ने अकाउंट चेक किया तो पता चला कि 18 दिसंबर को दो बार में कुल एक लाख रुपये निकाला जा चुका है। पीड़िता का दावा है कि रकम निकलने वाले यह दोनों मेसेज उनके फोन पर नहीं आए। लिहाजा उन्होंने बैंक कर्मचारी को अपना अकाउंट फ्रीज करने को कहा। बैंक कर्मचारी ने सेविंग अकाउंट में पड़ी रकम की एफडी कराने की सलाह दी, ताकि वह सुरक्षित रह सके। लिहाजा उन्होंने 15 लाख और तीन लाख की दो एफडी बनवा दी।

फ्रॉड होने पर कराई थी एफडी
बेटे ने 20 दिसंबर को उनका फोन चेक किया तो पता चला कि 15 लाख वाली एफडी तोड़ दी गई है, जिसमें से चार बार में 10.50 लाख रुपये निकाले जा चुके हैं। मां-बेटा फिर से बैंक गए। वहां दूसरा बैंक अफसर मिला, जिसने बैंक के कस्टमर केयर से बात करवाई। कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव भावना ने उन्हें बताया कि 19 दिसंबर को फ्रॉड का पता चलने पर आपका अकाउंट ट्रांसफर करना चाहिए था। इंटरनेट और फोन बैंकिंग सर्विस बंद कर देनी चाहिए थी। एक सीनियर अफसर की सलाह पर 1930 पर कॉल कर कंप्लेंट दर्ज की।

ऐसे फ्रॉड से यूं बचें
इंटरनेट के बजाय संबंधित कंपनी के वेब पोर्टल से नंबर लें।
इंटरनेट, वेबसाइट पर दिए एड्रेस या नंबर को वेरिफाई करें।
किसी से बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड की डिटेल शेयर न करें।
साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत 1930 पर कॉल कर जानकारी दें।
www.cybercrime.gov.in पर ठगी की शिकायत दर्ज कराएं।
फ्रॉड होने पर बैंक अकाउंट में बची रकम को ट्रांसफर करें।
अकाउंट की फोन और इंटरनेट बैंकिंग को तुरंत बंद करवाएं।

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