अजय शर्मा: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोसणा से पहले ही नरेला विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने करीब 40 दिन पहले बाकनेर से दिनेश भारद्वाज को अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया जिसके बाद दिनेश भारद्वाज ने नरेला विधानसभा में केजरीवाल की नीतियों को लेकर प्रचार शुरू कर दिया और एन वक्त पर आकर आम आदमी पार्टी द्वारा दिनेश भारद्वाज का टिकट काटकर नरेला से दो बार के विधायक रह चुके शरद चौहान को दोबारा से टिकट दे दिया, जिससे नरेला विधानसभा आपका आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का एक धड़ा नाराज और कंफ्यूज हो गया.
वही नरेला विधानसभा से भाजपा द्वारा पूर्व निगम पार्षद रहे राजकरण खत्री को टिकट दे दिया गया राजकरण खत्री के टिकट मिलने के बाद भाजपा से नरेला विधानसभा से टिकट मांग रहे काफी लोग नाराज हो गए, उन्हें में से भाजपा के पूर्व विधायक रहे नील दमन खत्री की नाराजगी खुलकर सामने आई और उन्होंने पर प्रेस कांफ्रेंस अपनी नाराजगी जाहिर की और अपने समर्थकों के साथ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया उधर भाजपा प्रत्याशी द्वारा अपने चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया गया तो इधर नील दमन खत्री ने भी अपने कार्यालय का चुनाव का उद्घाटन कर दिया, लेकिन कुछ ही घंटे के भीतर नील दमन खत्री और
भाजपा प्रत्याशी राजकरण खत्री के बीच के मतभेद दूर हो गए और और नील दमन खत्री ने राजकरण खत्री का समर्थन का ऐलान कर दिया और साथ ही नरेला विधानसभा से भाजपा को विजई बनाने की घोषणा कर दी
आपको बता दें कि कांग्रेस ने अलीपुर से दो बार की पार्षद रही अरुणा कुमारी पर अपना दाव खेला है.
हालांकि बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नरेला विधानसभा में सत्ता पाने के लिए अपना दम खम लगाए हुए हैं और जोरो से प्रचार कर रहे हैं,
अब यह आने वाला वक्त बताएगा कि नरेला इलाके की जनता किसको अपना विधायक चुनकर विधानसभा भेजती है
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