Wednesday, March 12, 2025
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WhatsApp यूजर्स पर मंडरा रहा नया खतरा! साइबर अटैक्स ने निकाली स्कैमिंग की नई टेक्निक.

असल न्यूज़: WhatsApp के भारत में लाखों यूजर्स हैं, जो मैसेजिंग के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में स्कैमर्स आए दिन इसे अपना निशाना बनाते रहते हैं। इसी सिलसिले में स्कैमर्स ने साइबर अटैक के लिए एक नई टेक्निक निकाली है, जिसे जीरो-क्लिक हैक कहा जा रहा है। WhatsApp की पेरेंट कंपनी Meta ने हाल ही में एक गंभीर साइबर हमले की जानकारी दी है, जिसमें इजरायली स्पाइवेयर कंपनी Paragon Solutions कई यूजर्स पर अटैक कर रही है। इस साइबर अटैक ने पत्रकारों और सिविल सोसाइटी के मेंबर्स को टारगेट किया है। WhatsApp के ऑफिसर्स ने बताया कि लगभग 90 यूजर्स पर जीरो-क्लिक हैक तकनीक का उपयोग करके हैक करने की कोशिश की गई है। आइए इसके बारे में जानते हैं।

क्या है जीरो-क्लिक हैक?
जीरो-क्लिक हैक एक मॉडर्न साइबर अटैक है, जिसमें यूजर को किसी लिंक पर क्लिक करने, फाइल डाउनलोड करने या किसी अटैचमेंट को खोलने की जरूरत नहीं होती। इस टेक्निक में सॉफ्टवेयर की कमियों का फायदा उठाकर हैकर्स डिवाइस को प्रभावित कर सकते हैं।

जीरो-क्लिक हैक आपके डिवाइस में स्पाइवेयर इंस्टॉल कर सकता है, जो हैकर्स को यूजर की एक्टिविटी को मॉनिटर करने देता है। इसकी मदद से हैकर्स बैंकिंग डिटेल, प्राइवेट मैसेज, कॉल रिकॉर्ड आदि को एक्सेस कर सकते हैं। इसके साथ ही इसकी मदद से स्कैमर्स आपके डिवाइस का कंट्रोल पा सकते हैं। और स्मार्टफोन या लैपटॉप को दूर से कंट्रोल किया जा सकता है।

कैसे काम करता है हैक?
इसकी मदद से हैकर्स सबसे पहले किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम, ऐप या मैसेजिंग सेवा में किसी अज्ञात सुरक्षा खामी (zero-day vulnerability) को खोजते हैं। इसके बाद वे एक स्पेशल कोड या डेटा पैकेट तैयार करते हैं, जो डिवाइस की सिक्योरिटी को तोड़ सके। यह कोड किसी इमेज, टेक्स्ट मैसेज, या साइलेंट कॉल में छिपा हो सकता है। इसके बाद इस मैलिशियस डेटा को टारगेट किए गए व्यक्ति के डिवाइस पर भेज दिया जाता है। डिवाइस इस डेटा को खुद प्रोसेस कर लेता है, जिससे हैकर्स को सिस्टम में घुसने का मौका मिल जाता है, और यूजर को इसके बारे में पता भी नहीं चलता है।

क्या कर रहा WhatsApp?
WhatsApp ने कहा कि उसने इस हैकिंग प्रयास को विफल कर दिया है और प्रभावित यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। हालांकि, Meta ने बताया कि 24 से अधिक देशों में यूजर्स को टारगेट किया गया था, जिनमें यूरोप के कई लोग शामिल थे। WhatsApp के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम लोगों की निजी बातचीत की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इस तरह के साइबर हमलों के खिलाफ लगातार सुरक्षा उपायों को मजबूत कर रहे हैं।

कैसे बचें यूजर्स?
ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें।
अनजान सोर्स से आए लिंक या मीडिया फाइलों से बचें।
WhatsApp और अन्य मैसेजिंग ऐप्स की सिक्योरिटी सेटिंग्स को मजबूत करें।
डिवाइस में एंटीवायरस और एंटी-स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
अगर कोई असामान्य गतिविधि दिखे तो तुरंत सुरक्षा विशेषज्ञों से संपर्क करें।

 

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