असल न्यूज़: ऐशो आराम की जिंदगी जीने की चाहत में शॉर्टकट पैसा कमाने के लिए कुछ दोस्तों ने मिलकर डकैती को अंजाम दे डाला, लेकिन मौजमस्ती से पहले ही दिल्ली पुलिस ने 72 घंटे के भीतर सभी को दबोच लिया. वारदात को अंजाम देने वाला एक आरोपी अशोक तकरीबन 8 महीने पहले घर में कार्डियो की ट्रेनिंग भी देता था…जिसने फिर काम छोड़ दिया था उसे घर की पूरी जानकारी थी.
दिल्ली पुलिस की नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस के थाना मुखर्जी नगर की टीम ने हथियारबंद डकैती के एक सनसनीखेज मामले को महज 72 घंटे में सुलझा लिया है. पुलिस ने चार कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक घर में घुसकर बंदूक की नोक पर लूटपाट की थी. आरोपियों के कब्जे से एक हुंडई कार (फर्जी नंबर प्लेट और नकली व्हील कैप्स सहित), तीन ऑटोमैटिक पिस्टल और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं.
पुलिस के मुताबिक, ये आरोपी जल्द पैसा कमाने और अपनी औकात से ज्यादा ऐशो-आराम की जिंदगी जीने के चक्कर में अपराध की दुनिया में उतरे. पुलिस के मुताबिक 27 जुलाई को मुखर्जी नगर थाने में एक पीसीआर कॉल आई थी. कॉल ने बताया कि तीन युवक हथियारों के साथ उसके कमरे में घुसे, उसे उल्टी दिशा में बैठा दिया और लूटपाट की और लूटपाट की वारदात को अंजाम देने के बाद फरार होते समय उन्होंने बाहर से दरवाज़ा बंद कर दिया.
घटना को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम बनाई गई. टीम ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और पाया कि आरोपी l कार से आए थे. जांच में पता चला कि कार की नंबर प्लेट फर्जी थी. वाहन की ट्रेसिंग करते हुए पुलिस कैंट इलाके तक पहुंची और टीम ने दो आरोपियों कमल राज और रॉकी को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला कि अशोक यादव, जो पहले पीड़ित के घर पर काम करता था, ने बाकी तीन आरोपियों को घर के अंदर की जानकारी दी थी. उसकी निशानदेही पर अशोक को नारायणा फ्लाईओवर के पास से पकड़ा गया. चौथे आरोपी शिवम उर्फ सूरत सिंह को नोएडा के पास गांव बड़ौली से गिरफ्तार किया गया.
चारों के पास से अपराध में इस्तेमाल तीन पिस्टल, चार जिंदा कारतूस और फर्जी नंबर वाली कार बरामद की गई है. पूछताछ में यह भी सामने आया कि सभी आरोपी लाखों के कर्ज में डूबे थे और जल्दी पैसे की तलाश में वारदात को अंजाम दिया. फिलहाल पूछताछ जारी है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हथियार कहां से आए और क्या इनका कोई बड़ा गिरोह से संबंध है.