Saturday, August 23, 2025
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दिल्ली की नाबालिक लड़की का यूपी में फर्जी आधार कार्ड बना, शादी व दुष्कर्म

असल न्यूज़: (नीति सेन) राजधानी दिल्ली में हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक 13 साल की लड़की का फर्जी आधार कार्ड बनाकर उत्तर प्रदेश में बेचने का मामसा सामने आया है। नाबालिक के साथ दुष्कर्म भी किया गया है। एक सबूत की मदद से किसी तरह पुलिस ने उसे बरामद कर घरवालों के हवाले कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें शामली निवासी राजीव (40), हापुड़ निवासी विकास (20), मेरठ निवासी आशु (55) और गाजियाबाद निवासी रमनजोत सिंह (24) शामिल हैं।

पुलिस ने बताया कि 21 जुलाई को लापता होने के लगभग एक महीने बाद लड़की को उत्तर प्रदेश के शामली से बचाया गया। पुलिस के मुताबिक लड़की का करीब एक महीने पहले पिता के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया था, जिसके बाद वह उत्तर-पश्चिम दिल्ली के वजीरपुर स्थित जेजे कॉलोनी स्थित अपने घर से ट्यूशन पढ़ने के बाद 21 जुलाई को लापता हो गई थी। भारत नगर थाने में अपहरण का मामला दर्ज कर उसकी तलाश में एक टीम गठित की गई थी।

पहले बंधक बनाकर रखा, फिर बेचा
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह अपने पिता के साथ झगड़े के बाद परेशान हालत में घर से निकली थी और इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक मेट्रो से यात्रा की थी। डीसीपी ने बताया कि वहां से वह ट्रेन में सवार होकर मेरठ पहुंची, जहां उसकी मुलाकात विकास से हुई। विकास ने उसे बहकाया और बाद में उसे सह-आरोपी आशु के घर में बंधक बनाकर रखा गया और बाद में राजीव को सौंप दिया गया, जो उसे खरीदने का इरादा रखता था। इस सौदे को आसान बनाने के लिए एक अन्य आरोपी रमनजोत सिंह ने उसे बालिग बताते हुए एक फर्जी आधार कार्ड बनवाया।

अनजान नंबर से आया मिस कॉल
पुलिस ने बताया कि राजीव ने 24 जुलाई को लड़की से जबरन शादी की और शामली स्थित अपने घर पर उसका यौन शोषण किया। इसी बीच लड़की के परिवार को एक अनजान नंबर से मिस्ड कॉल आई। संपर्क करने पर एक महिला ने बताया कि उसकी बहू ने गलती से उस नंबर पर कॉल कर दिया होगा और कॉल कट हो गया। नंबर की लोकेशन शामली में पाई गई और स्थानीय पुलिस की मदद से 16 अगस्त को लड़की को राजीव के घर से छुड़ाया गया।

पुलिस ने बरामद किए जाली दस्तावेज
पुलिस ने बताया कि जांच में यह भी पता चला कि गाजियाबाद में एक साइबर कैफे चलाने वाले रमनजोत ने एक ऑनलाइन पीडीएफ एडिटिंग एप्लीकेशन का इस्तेमाल करके पीड़िता का जाली आधार कार्ड तैयार किया था। आरोपियों के पास से जाली दस्तावेज और साजिश में इस्तेमाल किए गए चार मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं। डीसीपी ने बताया कि लगातार पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने पैसे के लिए लड़की को बेचने की साजिश रची थी। पीड़िता के बयान से घटनाक्रम की पुष्टि हुई और काउंसलिंग के बाद उसे उसके परिवार को सौंप दिया गया है।

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