असल न्यूज़। भारत में अवैध रूप से रह रहे अफ्रीकी और दूसरे विदेशी नागरिकों को फर्जी पासपोर्ट-वीजा दिलाने वो गिरोह का दक्षिण जिला पुलिस की स्पेशल स्टाफ ने खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में नाइजीरिया के चार नागरिकों न्वाचुकु बेंजामिन (33), इमैनुएल इफियानीचुकु (34) , पॉल ओलिसामेका (37) और एक महिला प्रीशियस ओसासेरे (38) को गिरफ्तार किया है। भारतीयों को ठगने के लिए ये लोग यूरोपीय नागरिकों का फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर ऑनलाइन धोखाधड़ी का रैकेट चला रहे थे।
दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, कलर प्रिंटर, 3 पैन ड्राइव, 7 मोबाइल फोन, 2 पासबुक, 5 एटीएम कार्ड, 6 फर्जी पासपोर्ट और वीजा व 17 हजार कैश बरामद किया है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया है कि इनके जरिये बनाए गए फर्जी वीजा-पासपोर्ट से अफ्रीकी नागरिक देश में नशे के अलावा दूसरे अपराधों में लिप्त हैं। छानबीन के दौरान टीम को पता चला है कि न्वाचुकु बेंजामिन 2017 और बाकी तीनों 2020 से अवैध रूप से भारत में रहकर अपराधों में लिप्त थे।
ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस ने बताया कि 10 सितंबर को टीम ने दो नाइजीरियन नागरिक बेंजामिन इज़ुचुकु (43) और कूलिबली मरियम (29) को छतरपुर से 355 ग्राम कोकीन के साथ गिरफ्तार किया गया। इनके पास से बरामद पासपोर्ट और वीजा की जांच की गई तो वह जाली पाए गए। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि वीजा जाली हैं। इन्हें बुराड़ी के संत नगर से संचालित न्वाचुकु बेंजामिन नामक अफ्रीकी नागरिक ने बनाया है।
दोस्ती कर शादी का झांसा देकर भी ठगा
आरोपियों सोशल मीडिया के जरिये भारतीय नागरिकों से दोस्ती कर उन्हें शादी का झांसा देकर ठगते थे। इसके लिए मोटा कैश और जेवरात विदेश से भेजने की बात की जाती थी। पीड़ितों को कस्टम में सामान फंसने की झूठी कहानियों सुनाकर लालच दिया जाता था। कस्टम से सामान छुड़वाने के नाम पर भारतीय नागरिकों से मोटी रकम वसूली जाती थी।