असल न्यूज़: जिले में खांसी की सीरप पीने से एक और युवक की तबीयत बिगड़ गई. बसैयाकलां नदबई निवासी शैलेंद्र की तबीयत गंभीर होने पर आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया और उपचार के बाद हालत नाजुक होने पर जयपुर रेफर कर दिया. जानकारी के अनुसार, 7 दिन पहले शैलेंद्र के पिता ने अपने लिए एक दवाई खरीदी थी, जिसे शैलेंद्र ने कल शाम पी लिया.
इसके तुरंत बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई, उनकी दवाई लखनपुर डिस्पेंसरी से खरीदी गई थी. अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि युवक की स्थिति गंभीर है और लोगों से अपील की है कि किसी भी दवाई का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें. उधर सीकर जिले के श्रीमाधोपुर के हाथीदेह गांव में कफ सिरप पीने से बच्चों की तबीयत बिगड़ने का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए जयपुर से टीम भेजी है.
हाथीदेह पहुंचे बीसीएमओ डॉ. राजेंद्र यादव ने भी स्थिति का जायजा लिया. जानकारी के अनुसार, दो सप्ताह पहले सेवर उपजिला अस्पताल में खांसी और जुकाम की शिकायत पर छह बच्चों को उपचार के दौरान कफ सिरप दिया गया था. परिजनों का आरोप है कि सिरप पीने के बाद बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. इसके बाद बच्चों को तुरंत जनाना अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत में सुधार हुआ. स्वास्थ्य विभाग की जांच के दौरान डॉक्टर पलक कुलवाल और फार्मासिस्ट पप्पू सोनी को जिम्मेदारी में लापरवाही पाए जाने के कारण निलंबित कर दिया गया है.
हाथीदेह के अस्पताल से ली गई यही कफ सिरप बच्चों को दी गई थी. जांच टीम अस्पताल रिकॉर्ड, सिरप की गुणवत्ता और बच्चों की चिकित्सा रिपोर्ट की समीक्षा करेगी. इससे पहले, भरतपुर जिले में भी कफ सिरप से संबंधित एक गंभीर मामला सामने आया. यहां गुंडवा गांव की 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला खांसी की दवा लेने के बाद बीमार हो गई. महिला को आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया गया कि तीन दिन पहले ही सरकारी पीएचसी से उसे खांसी की दवा दी गई थी. देर शाम दवा लेने के बाद महिला बेहोश हो गई और तबीयत गंभीर होने पर उसे अस्पताल लाया गया.
किसी भी दवा को चिकित्सक की सलाह के बिना न लें
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि कफ सिरप से होने वाली किसी भी स्वास्थ्य समस्या को गंभीरता से लिया जा रहा है. उन्होंने परिजनों से अपील की है कि बच्चे या बुजुर्ग किसी भी दवा को चिकित्सक की सलाह के बिना न लें. वहीं, जांच टीम जयपुर से जल्द ही हाथीदेह पहुंच कर बच्चों की स्थिति और दवा की गुणवत्ता की जांच करेगी. बीसीएमओ डॉ. राजेंद्र यादव ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसा कोई मामला न हो.
स्थानीय लोग भी इस मामले को लेकर चिंतित हैं और स्वास्थ्य विभाग से जल्द निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं. इस घटना ने ग्रामीणों में खांसी और जुकाम की दवाओं के उपयोग को लेकर डर पैदा कर दिया है. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जांच के बाद ही स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा कि सिरप की वजह से ही बच्चों और बुजुर्ग महिला की तबीयत बिगड़ी या किसी अन्य कारण से. फिलहाल सभी प्रभावित मरीजों का जयपुर में इलाज जारी है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.