असल न्यूज़ : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हथियार तस्करी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कर सनी साईं गिरोह के दो गुर्गे गुरमीत सिंह व सुमित को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से आठ अवैध हथियार, कारतूस व तस्करी में इस्तेमाल कार जब्त की गई है। बरामद हथियार व कारतूस की आपूर्ति दिल्ली-एनसीआर के बदमाशों को की जानी थी।
सुमित पहले दिल्ली में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक के रूप में कार्यरत था। अनुबंध समाप्त होने के बाद, उसने अपराध करना शुरू कर दिया। डीसीपी हर्ष इंदौरा के मुताबिक गुरमीत सिंह, सरूरपुर कलां, बागपत, उत्तर प्रदेश और रिसीवर सुमित गिरधरपुर, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। इनकी गिरफ्तारी आसपास के राज्याें में सक्रिय संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ चल रही कार्रवाई में बड़ी उपलब्धि है।
26 अक्टूबर को पुलिस को गुरमीत की सरूरपुर गांव, बागपत में उसकी मौजूदगी के बारे में जानकारी मिली। जिसके बाद एसीपी भगवती प्रसाद व इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार और मंजीत सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने गुरमीत को बागपत के एक कृषि क्षेत्र के ट्यूबवेल में स्थित उसके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया। वहां पर वह फायरिंग का परीक्षण करता था।
पूछताछ से पता चला कि गुरमीत न केवल एनसीआर के गैंग्स्टरों के लिए बल्कि राजस्थान में सक्रिय कई अन्य लुटेरों के लिए भी अवैध हथियारों का स्रोत है। पूरे गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए गुरमीत को पांच दिन की पुलिस हिरासत हासिल की गई और उसकी पहचान के आधार पर रिसीवर सुमित को राधा स्वामी सत्संग के सामने, द्वारका से एक सियाज कार में गिरफ्तार कर लिया गया। सुमित के कब्जे से एक अत्याधुनिक पिस्टल और दो कारतूस बरामद किए गए। कार साउथ कैंपस थानाक्षेत्र से चोरी की पाई गई।
पूछताछ में सुमित ने बताया कि वह मुरलीपुर, जयपुर पश्चिम, राजस्थान के सनसनीखेज लूट के मामले में गिरफ्तारी से बच रहा था। राजस्थान पुलिस की ओर से उसकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपये का इनाम है। इस वाहन का इस्तेमाल दोनों आपराधिक वारदात करने के लिए करते थे। उसने हथियार गुरमीत से प्राप्त किया था।
गुरमीत सिंह, स्नातक कर रखा है। उसपर हत्या, हत्या के प्रयास और अवैध हथियारों के व्यापार सहित सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। पहली बार 2018 में उसे आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया गया था। 2019 में, पीवीआर विकासपुरी में एक विवाद के बाद उस पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

