असल न्यूज़ : उत्तर पूर्वी दिल्ली (अपराध संवाददाता)। यमुनापार के सबसे पिछड़े क्षेत्र सीलमपुर, ब्रह्मपुरी,घौंडा के लाखों निवासी नरकीय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सीलमपुर गुरुद्वारे से लेकर, सीलमपुर मार्केट,डीडीए फ्लैट सीलमपुर, ब्रह्मपुरी पुलिया, ब्रह्म पुरी मेनरोड,घौंडा तक फुटपाथों पर दुकानदारों का कब्जा,सडको पर रेहड़ी-पटरी का कब्जा,बडे ट्रक,टैम्पूओ, मालवाहकों का कब्जा,हजारो आटो, बैटरी रिक्शा का कब्जा इतनी भयावह स्थिति होने के बावजूद डीसीपी उत्तर पूर्वी जिला, एसीपी सीलमपुर,तीन थानो सीलमपुर, उस्मानपुर, जाफराबाद के पुलिस के जवान और अवैध ट्रक टैम्पूओ की एंट्री रोकने के लिए यातायात विभाग भी कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है, क्योंकि यहां इंसान नही, कुत्ते बिल्ली रहते हैं।
पुलिस बूथ सीलमपुर गुरुद्वारे के पास है, लेकिन बूथ के बाहर ही बैटरी रिक्शा वालो का जमावड़ा आगे चलो सड़कों पर ही आटो रिपेयरिंग सेन्टर खुले है, मार्केट के चौक पर पिंक बूथ है,वो बंद पडा होता है , चौक पूरी तरह जाम, सीलमपुर से जामा मस्जिद, दरियागंज, इर्विन हास्पिटल के लिए तीन तीन लाईनों में खड़े करीब तीन दर्जन आटो, सड़कों के बीच में खडी फल फ्रूट वालो की रेहडिया, ब्रह्म पुरी पुलिया पर भी बूथ बना हुआ है,ये भी बंद पडा रहता है,सुबह हो या शाम भारी जाम में फंसे लोगों को निकालने वाला एक भी पुलिस या होमगार्ड का जवान दिखाई नहीं देता।पूरा 100 फुटा रोड सीलमपुर और 60 फुटा रोड ब्रह्मपुरी से घौंडा मात्र 10-10 फुट का रह गया है,पैदल निकलने वाले भी अच्छी खासी कसरत करके सिर पर पैर रखकर निकलते हैं।
मजाल है,कि पुलिस या प्रशासन कोई ठोस कदम उठाए। स्थिति साफ है,या तो यहां हर चीज में उगाही चलती है,या फिर सीलमपुर एसडीएम,जिला पुलिस, यातायात अधिकारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी एक नंबर के वेतन के अलावा दो नंबर की कमाई बटोरने में मशगूल हैं। केन्द्र सरकार पिछडो और मैले कुचलो को उठाने की बात करती है, लेकिन राजधानी के ही इस पिछड़े इलाके की तरफ से आंखें मूंदे बैठी है। बहरहाल, पुलिस प्रशासन को सख्त कार्रवाई करते हुए अपने ऊपर लग रहे दागो को मिटाना पडेगा।

