Sunday, November 16, 2025
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दिल्ली-NCR: बच्चों में RSV वायरस के बढ़ते मामले, विशेषज्ञों ने जारी किए बचाव के निर्देश

असल न्यूज़ : अगर आप सभी लोगों को याद हो तो मानसून के खत्म होते होते दिल्ली एनसीआर में एक h3n2 नाम का वायरस आ गया था. जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर में कई लोग वायरल फीवर खांसी और जुकाम का शिकार हो गए थे. अब फिर से ऐसा ही एक और वायरस दिल्ली-एनसीआर में आ चुका है डॉक्टर का कहना है कि हर साल नॉर्थ इंडिया में सर्दियों के दिनों में यह वायरस आ जाता है और यह अक्टूबर से लेकर फरवरी तक रहता है. लेकिन दिल्ली-एनसीआर में यह ज्यादातर पाया जाता है. इस वायरस को डॉक्टर्स RSV (Respiratory Syncytial Viru) वायरस के नाम से बुलाते हैं. वहीं इस वायरस को लेकर जब हमने डॉ तरुण सिंह से बात की तो आए आपको बताते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा.

क्या है यह RSV वायरस

डॉ.तरुण सिंह ने बताया की RSV वायरस विशेष रूप से 2 वर्ष से कम उम्र के शिशुओं को ज्यादातर बिमार करता है. यह वायरस भी श्वसन बूंदों और दूषित सतहों के माध्यम से फैलता है. इसके लक्षण में बहती नाक, खांसी और छींक, घरघराहट, बुखार भूख कम लगना शामिल है. यह शिशुओं में अधिक गंभीर हो सकता है और ब्रोंकियोलाइटिस या न्यूमोनिया का कारण बन सकता है. इसलिए यदि यह वाइरस दो साल से कम उम्र के बच्चे को हो जाए तो आपको तुरंत ही उसे अस्पताल लेकर आना है. उनका यह भी कहना था कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों और खासकर बच्चों को इस वायरस से ज्यादा तकलीफ होती है. क्योंकि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण भी ज्यादा है. इसलिए इस वाइरस को उससे और ज्यादा संक्रमण फैलाने में आसानी होती है.

इस वायरस के यह हैं लक्षण

डॉ.तरुण सिंह ने यह भी बताया की इसके लक्षण में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, नाक बंद होना सहित अन्य शामिल है. अगर, इसका समय पर इलाज नहीं हुआ तो यह आगे चलकर ब्रोंकियोलाइटिस या न्यूमोनिया का कारण बन सकता है, जिससे मरीजों की जान तक चली जाती है. ऐसे में इस बीमारी को लेकर अधिक सतर्क होने की जरूरत है. उनका आगे यह भी कहना था कि इसके लक्षण काफी आम वायरल जैसे होते हैं इसलिए लोग इसे साधारण तरीके से लेते हैं. लेकिन इसके घातक परिणाम भी हो सकते हैं यदि आपको ज्यादा दिक्कत लगनी शुरू हो तो आपको तुरंत ही हॉस्पिटल आना चाहिए. क्योंकि डॉक्टर तरुण एक चाइल्ड स्पेशलिस्ट और न्यूबॉर्न स्पेशलिस्ट हैं इसलिए उनका कहना था कि इस वक्त दिल्ली-एनसीआर में खासकर उनकी क्लीनिक में बच्चे काफी ज्यादा इस वायरस से बीमार होकर आ रहे हैं.

इस तरह से बचा जा सकता है इस वायरस से

डॉ.तरुण ने पहले तो यह साफ कहा कि बच्चों को इस समय आपको थोड़ी बहुत भाप देते रहना चाहिए और समय-समय पर बच्चों के कमरे में भी गर्म पानी वाली भाप रखें, ताकि उनके कमरे में नमी बनी रहे. वहीं उनका यह भी कहना था कि यदि बच्चों के नाक अंदर से खुशक हो जाए तो आपको सलाइन भी डालना चाहिए, ताकि वहां पर भी नमी बनी रहे. इसके बाद उनका यह भी कहना था कि बच्चे इस वक्त घर से कम बाहर निकले और वह जब भी बाहर निकले तो उन्हें मास्क जरूर लगांए और खास करके बच्चों को इस वक्त पानी जरूर पिलाएं, क्योंकि सर्दियों हैं. बच्चे पानी कम पीते हैं, इसलिए डिहाइड्रेशन होने के कारण भी यह वायरस उन्हें जल्दी संक्रमित कर सकता है.

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