असल न्यूज़ : दिल्ली क्राइम ब्रांच साइबर सेल की टीम ने एक बुर्जुग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर धोखाधड़ी करने वाले सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में क्राइम ब्रांच साइबर सेल की टीम ने लखनऊ में छापेमारी कर 6 लोगों को गिरफ्तार किया.
दरअसल, दिल्ली क्राइम ब्रांच साइबर सेल को एक पोर्टल के माध्यम से एक 71 वर्षीय महिला को लगभग 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट पर रखा गया, इस बारे में शिकायत मिली. वहीं, पुलिस टीम ने 49 लाख की ठगी का शिकार हुईं बुर्जुग महिला की शिकायत पर जांच के दौरान डिजिटल अरेस्ट-आधारित धोखाधड़ी में शामिल एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया.
डीसीपी क्राइम ब्रांच साइबर सेल आदित्य गौतम ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम का गठन किया. जांच में यह सामने आया कि आरोपियों ने पीड़िता से जबरन वसूली और धोखाधड़ी करने के लिए मनोवैज्ञानिक दबाव, कानून प्रवर्तन एजेंसियों का रूप धारण करने और तकनीकी धोखाधड़ी का इस्तेमाल किया. अमीनाबाद, हसनगंज, मदेयगंज और सदर कैंट (लखनऊ) में सिलसिलेवार छापेमारी की गई. तकनीकी जाँच से सिंडिकेट के प्रमुख सदस्यों की पहचान करने में मदद मिली, जिनमें से 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद ओवैस (25) निवासी अमीनाबाद लखनऊ जो 5वीं कक्षा तक पढ़ा है और एक प्रिंटिंग की दुकान पर काम करता है. आरोपी विशाल तिवारी उम्र 19 साल निवासी हसनगंज लखनऊ, स्नातक प्रथम वर्ष का छात्र है और किराने की दुकान पर काम करता है. आरोपी शकील अहमद उम्र (53) निवासी मदेयगंज अनपढ़ है और वो दर्जी का काम करता है. इससे पहले भी एक आपराधिक मामला दर्ज है. आरोपी मोहम्मद अहद उम्र (25) निवासी मदेय गंज जो 8वीं कक्षा तक पढ़ा है फिलहाल बेरोजगार था.
वहीं, आरोपी मोहम्मद आतिफ उम्र (25) निवासी सदर कैंट जो 12वीं तक पढ़ा है और निजी होटलों में काम करता है. आरोपी मोहम्मद उज्जैब उम्र (25) निवासी सदर कैंट, 12वीं तक पढ़ा है और निजी होटलों में काम करता है. जांच में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपियों ने पीड़िता को कानूनी कार्रवाई की धमकी दी और विभिन्न बैंक खातों में 49 लाख रुपये ट्रांसफर करने को मजबूर किया. पैसे ट्रांसफर करने के लिए बहुस्तरीय बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया और बाद में एटीएम से निकाले गए. पुलिस इस मामले में आगे की छानबीन कर रही है.

