असल न्यूज़ : पिछले 20 साल से चल रही सरकारी कर्मचारियों की डिमांड अब पूरी होने की संभावना और बढ़ गई है. कई शीर्ष कर्मचारी संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग में कुछ संशोधन करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस में कुछ बदलाव कर करीब 26 लाख कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के दायरे में लाया जाए.
केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन नेशनल काउंसिल (स्टाफ साइड) ज्वाइंटकंसल्टेंटिव मशीनरी (NC-JCM) ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस में बदलाव करने की सिफारिश की है. इसमें कहा गया है कि पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के दायरे में केंद्र सरकार के कुछ कर्मचारियों को लाया जाना चाहिए. फिलहाल ये कर्मचारी नई पेंशन स्कीम (NPS) के तहत कवर किए जा रहे हैं. एक सप्ताह पहले भी कर्मचारी संगठन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पेंशनर्स को भी 8वें वेतन आयोग में शामिल किए जाने की मांग की थी. इस पर बाद में सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण भी जारी हो चुका है.
क्या है पीएम को लिखे पत्र में
NC-JCM के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की एक कॉपी वित्तमंत्री को भी भेजी है. उन्होंने अपने पत्र में 8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस में कई बदलाव करने की सिफारिश की है. उन्होंने कहा कि यह बदलाव केंद्र के रिटायर और मौजूदा कर्मचारियों के साथ सैन्य कर्मियों के भी हित में है. लिहाजा लाखों लोगों के हित में सरकार को यह बदलाव जरूर करना चाहिए.
क्या है एक्सपेक्टेशन ऑफ स्टेकहोल्डर्स क्लॉज
NC-JCM ने कहा है कि 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस में एक महत्वपूर्ण तथ्य गायब है. 7वें वेतन आयोग में ‘हितधारकों की अपेक्षाओं के साथ उचित सम्मान’ जैसे वाक्य शामिल थे, जो 8वें वेतन आयोग से गायब हैं. इस लाइन को हटाने से लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है. कर्मचारी संगठन ने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि नए वेतन आयोग के टीओआर में बदलाव करते हुए इन वाक्यांश को दोबारा शामिल किया जाना चाहिए.
पेंशनधारकों को शामिल करने की गुजारिश
कर्मचारी संगठन ने अपने पत्र में लिखा है कि सरकार ने भले ही अपनी तरफ यह कहा हो कि 8वें वेतन आयोग में पेंशनधारकों को भी शामिल किया गया है, लेकिन टीओआर में इसका जिक्र नहीं है. 7वें वेतन आयोग के टीओआर में साफ लिखा था कि ‘पेंशन और अन्य रिटायरमेंट लाभ को वेतन आयोग के तहत उन कर्मचारियों को भी दिया जाएगा, जो इसकी प्रभावी तारीख से पहले रिटायर हो चुके हैं.’ संगठन ने अपील की है कि 8वें वेतन आयोग में भी इसी तरह के स्पष्ट क्लॉज शामिल किए जाएं, ताकि जनवरी, 2026 से पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके.
टीओआर में कुछ और बदलाव की सिफारिश
कर्मचारी संगठन ने अपने पत्र में लिखा है कि 15 साल के बजाय 11 साल बाद पुन: समायोजन को शामिल किया जाए.
रिटायर होने के बाद हर 5 साल में 5 फीसदी की अतिरिक्त पेंशन का प्रावधान किया जाए.
सभी पेंशनधारकों को संशोधन कवरेज भी प्रदान की जाए.
सबसे बड़ी और मुश्किल डिमांड सभी पेंशनधारकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए. इसमें 26 लाख कर्मचारी आएंगे, जो अभी एनपीएस के तहत आते हैं.
गारंटी वाली पेंशन पर भी संशय
कर्मचारी संगठन ने अपने पत्र में लिखा है कि 8वें वेतन आयोग के टीओआर में शामिल ‘गैर-योगदान पेंशन योजनाओं की अनफंडेड लागत’ जैसी लाइन को हटा दिया जाए. टीओरआर के पैरा (ई) (ii) में ‘गैर-योगदान पेंशन योजनाओं की अनफंडेड लागत’ का उल्लेख है, जो इसे अनुचित मानता है और संवैधानिक रूप से गारंटी वाले पेंशन अधिकारों को वित्तीय बोझ के रूप में मानता है. लिहाजा इसे 8वें वेतन आयोग के टीओआर से हटा दिया जाए.
सिफारिश लागू करने का समय नहीं बताया
कर्मचारी संगठन ने अपने पत्र में लिखा कि सरकार की ओर से 8वें वेतन आयोग का टीओआर भले ही जारी हो गया है, लेकिन इसमें आयोग की सिफारिशों को लागू करने की तिथि का उल्लेख नहीं है. 7वें वेतन आयोग का प्रभाव 31 दिसंबर से समाप्त हो जाएगा, लेकिन सरकार ने 1 जनवरी, 2026 से 8वें वेतन आयोग को प्रभावी करने की तारीख नहीं बताई है. इससे कर्मचारियों के बीच आशंका और सवाल उठ रहे हैं

