Wednesday, December 3, 2025
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अफ्रीकन ड्रग सिंडिकेट नेटवर्क का भंडाफोड़, 15 विदेशी नागरिकों को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पकड़ा.

असल न्यूज़: दिल्ली-एनसीआर व देश के कई राज्यों में सक्रिय एक बड़े अंतरराष्ट्रीय अफ्रीकी ड्रग नेटवर्क पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और तेलंगाना एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो (TGNAB) ने संयुक्त अभियान चलाकर करारा प्रहार किया है. कई दिनों की निगरानी, मैनुअल व टेक्निकल सर्विलांस तथा दोनों एजेंसियों के प्रयासों के बाद विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें 12 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स व कोकीन जब्त की है. साथ ही विदेशी नागरिकों सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि यह ऑपरेशन दिल्ली और तेलंगाना पुलिस के बीच अब तक की सबसे बड़ी एंटी-नारकोटिक्स कार्रवाई में से एक है. उन्होंने बताया कि तेलंगाना में दर्ज NDPS एक्ट के एक बड़े मामले में मुख्य आरोपी दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न स्थानों पर छिपे होने की सूचना क्राइम ब्रांच को मिली. इसके बाद कई टीमों का गठन किया गया. ऑपरेशन की मॉनिटरिंग DCP क्राइम हर्ष इंदोरा व तेलंगाना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई. कई दिनों तक दिल्ली के महरौली, सन्तगढ़, निलोठी, ग्रेटर नोएडा, मुनीरका व अन्य इलाकों में छापेमार कार्रवाई की गई. छापेमारी में बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थ पकड़े गए.

जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) ने बताया कि छापेमारी के दौरान मोहन गार्डन उत्तम नगर से जैनब उर्फ पामेला को गिरफ्तार किया गया, जो युगांडा का मूल निवासी है. उसके पास से 195 ग्राम कोकीन, 24 ग्राम MDMA, 40,500 नकद मिले. यह महिला इस नेटवर्क की प्रमुख सप्लायर है. संतगढ़ तिलक नगर से नाइजीरियाई नागरिक बेक्की को गिरफ्तार किया गया. उसके पास से 5,209 एक्स्टेसी (MD) गोलियां, 35.46 ग्राम कोकीन व 78,000 नकद मिले.

पुलिस पूछताछ में इसने बताया कि उसने हाल ही में फ्रैंक नामक नाइजीरियाई नागरिक को माल सप्लाई किया था. फ्रैंक के फ्लैट से भी 60 MD पिल्स बरामद कर उसे गिरफ्तार किया गया. तालनगाना केस के वांटेड आरोपी की दिल्ली में मिली लोकेशन से जीन अहमद को गिरफ्तार किया गया. उसके पास से 106.38 ग्राम कोकीन और 107.83 ग्राम हेरोइन बरामद हुई है. यह कमरा ‘ड्रग वेयरहाउस’ के तौर पर उपयोग किया जा रहा था.

कौन थे भारतीय फेसीलिटेटर:

इस ड्रग नेटवर्क को मजबूत बनाने में भारत के कई लोग भी बड़ी भूमिका निभा रहे थे. बदरुद्दीन (ग्रेटर नोएडा) पैसों का लेनदेन व नेटवर्क की फाइनेंशियल मैनेजमेंट करता था. ज़फर (महरौली) विदेशी पेडलर्स के लिए अवैध धन प्रबंधन व ट्रांजेक्शन व्यवस्था करता था. समा उमर ऑपरेशनल सपोर्ट, लॉजिस्टिक व कम्युनिकेशन मैनेजमेंट करती थी. तितिंग गुइते, एस. जोशुआ गुइते, लाल खोसेई सेलिएन (मुनीरका) नेटवर्क के लिए फर्जी/प्रॉक्सी SIM कार्ड उपलब्ध कराते थे, जिससे वे पुलिस की निगरानी से बच सकें. इन सभी आरोपोलियों को तेलंगाना पुलिस को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दिया गया है.

अवैध रूप से रह रहे 30 विदेशी नागरिक भी पकड़े गए

अभियान के दौरान विभिन्न ठिकानों से 30 विदेशी नागरिक पकड़े गए हैं, जिनमें 12 महिलाएं शामिल भी हैं. ये सभी बिना वैध दस्तावेजों के दिल्ली में रह रहे थे. 18 पुरुषों को तत्काल डिपोर्टेशन सेंटर भेजा गया है. 12 महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई जारी है.

जॉइंट सीपी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि ये नेटवर्क कोकीन, MDMA, हेरोइन और एक्स्टेसी की सप्लाई करता था. उन्होंने बताया कि ड्रग्स की कूरियर शैली में डिलीवरी की जाती थी. इस तरह की तकनीकों के जरिए नेटवर्क देश की दो बड़े महानगरों दिल्ली और हैदराबाद में सक्रिय था. इस कार्रवाई से नेटवर्क की रीढ़ टूट गई है. इसकी सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई है. अधिकारियों का कहना है कि ऐसी संयुक्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.

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