Wednesday, December 17, 2025
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Homeबड़ी खबरदिल और जोड़ों में उतरी जहरीली हवा, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से हाहाकार

दिल और जोड़ों में उतरी जहरीली हवा, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से हाहाकार

असल न्यूज़: दिल्ली में लगातार कई दिनों से प्रदूषण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। लोगों को बाहर निकलने में काफी परेशानी हो रही है। एक्सपर्ट राहुल आनंद ने बताया है कि प्रदूषित हवा केवल फेफड़े या हार्ट को ही नहीं, हड्डियों तक को भी प्रभावित कर रही है। डॉक्टरों का कहना है कि हवा में मौजूद जहरीला कण जॉइंट पेन बढ़ा रहा है। जो पहले से आर्थराइटिस के मरीज है, उनकी बीमारी सीवियर होती जा रही है। एम्स के रुमेटाइड आर्थराइटिस डिपार्टमेंट की एचओडी डॉक्टर उमा कुमार का कहना है कि इन दिनों आर्थराइटिस के मरीजों की दवा की डोज बढ़ानी पड़ रही है, तब जाकर दर्द कंट्रोल हो रहा है।

इसलिए होता है हड्डियों में दर्द

डॉ. उमा कुमार ने बताया कि कई स्टडी में यह साबित हो चुका है कि प्रदूषण का सीधा असर ऑटोइम्यून पर पड़ता है। जिससे जॉइंट पेन होता है। जब जहरीली हवा सांस की नली में पहुंचती है तो इससे सेल्स में सूजन आ जाती है। यानी एयरवे के टिशू में मौजूद प्रोटीन में बदलाव हो जाता है। फिर जॉइंट के टिशू में मौजूद प्रोटीन और एयरवे के प्रोटीन के बीच के अंतर को इम्यून सिस्टम समझ नहीं पाता है, जिसकी वजह से ऑटो इम्यून इसे फॉरन बॉडी समझकर हमला करता है और इसकी वजह से दर्द होता है।

आर्थराइटिस के मरीज़ों को ज्यादा दिक्कत

डॉक्टर उमा ने कहा कि कई स्टडीज में यह साबित हो चुका है कि प्रदूषण की वजह से जॉइंट पेन होता है। जो पहले से आर्थराइटिस के शिकार है, जो दवा से कंट्रोल में थे, जिन्हें दो महीने बाद फॉलोअप में आना था, उन्हें समय से पहले इलाज के लिए आना पड़ रहा है। दवा की डोज बढ़ानी पड़ रही है।

‘सूजन बढ़ाते हैं हवा में मौजूद सूक्ष्म कण’

आकाश हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट के डायरेक्टर व हेड डॉ. आशीष चौधरी ने कहा कि प्रदूषण फेफड़े को ही नहीं, जोड़ों को भी प्रभावित कर रहा है। हवा में मौजूद सूक्ष्म कण सूजन बढ़ाते है, जिससे घुटनों, कंधों और कमर के जोड़ों में दर्द और जकड़ होने लगती है। आर्थराइटिस के लक्षण भी तेज हो सकते है।

‘बच्चों पर भी काफी असर’

मैक्स पटपड़गंज के ऑर्थोपेडिक एक्सपर्ट डॉ. दीपक अरोड़ा ने कहा कि प्रदूषित हवा का असर बच्चों पर भी होता है, चूंकि यह तुरंत असर नहीं करता, इसलिए इस ओर ध्यान नहीं जाता। जब स्मॉग और प्रदूषण की मोटी परत छाई रहती है तो सूर्य की रोशनी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाती। विटामिन डी मिलना कम हो जाता है, बच्चों की आउटडोर एक्टिविटी कम हो जाती है।

प्रदूषित हवा से बचना एकमात्र उपाय

एक्सपर्ट का कहना है कि बचाव का एकमात्र उपाय यही है कि प्रदूषित हवा से बचें। प्रॉपर तरीके से मास्क लगाएं, पर्याप्त पानी पीएं, डीहाइड्रेशन से बचे, जब भी धूप निकले तो उसका एक्सपोजर ले और डाइट बेहतर रखें।

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