असल न्यूज़: दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध अदिति महाविद्यालय में 6 मई 2025 को भारतीय सांस्कृतिक चेतना और स्त्री विमर्श पर आधारित नाट्य प्रस्तुति “उठो अहल्या” का भव्य मंचन हुआ जो प्रख्यात साहित्यकार प्रो. सुरेंद्र दुबे द्वारा रचित मूल कृति पर आधारित था। इस नाटक का रूपांतरण निर्देशन और प्रस्तुति श्री प्रभज्योत सिंह द्वारा किया गया जो एक संवेदनशील और गहराई से जुड़े हुए युवा निर्देशक हैं।
मंचन में अहल्या के पारंपरिक आख्यान को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत किया गया जहाँ वह केवल शापित और पत्थर बनी हुई स्त्री नहीं बल्कि प्रभु श्रीराम के दिव्य और करुणामय स्पर्श से पुनर्जीवित होकर एक चेतन जागरूक और सम्मानित नारी के रूप में पुनः खड़ी होती हैं। यह स्पर्श केवल देह को नहीं बल्कि आत्मा और चेतना को भी जाग्रत करता है जिससे अहल्या नारी अस्मिता और आत्मगौरव का प्रतीक बन जाती हैं।
आयोजन की प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक प्रो. ममता शर्मा, प्राचार्य, अदिति महाविद्यालय रहीं, जिनकी सक्रिय सहभागिता से यह आयोजन और भी प्रभावशाली बना। नाटक की समन्वयक प्रो. नीलम राठी थीं, जिनके नेतृत्व में पूरी छात्रा टीम ने इस प्रस्तुति को साकार किया। समापन पर मंजीरा टाइम्स के संपादक श्री शंभु मिश्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
यह मंचन भारतीय ज्ञान परंपरा, सामाजिक चेतना और नारी शक्ति के पुनर्पाठ का एक जीवंत उदाहरण बनकर उपस्थित जनसमूह को गहराई से स्पर्श कर गया। इस अवसर पर, दर्शकों ने नाटक की प्रशंसा की और इसे एक यादगार अनुभव बताया। नाटक की सफलता ने यह साबित कर दिया कि जब कलाकार अपने अभिनय में पूरी तरह से डूब जाते हैं, तो वे दर्शकों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ सकते हैं।
अदिति महाविद्यालय की छात्रा कलाकारों ने अपने अभिनय से यह दिखा दिया कि वे न केवल प्रतिभाशाली हैं, बल्कि वे सामाजिक मुद्दों पर भी गहराई से विचार करने में सक्षम हैं। इस नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से, अदिति महाविद्यालय ने एक बार फिर से अपनी प्रतिभा और सृजनात्मकता का प्रदर्शन किया और दर्शकों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ी।
पहचान, आत्म-सम्मान और सशक्तिकरण के विषयों की खोज करके, “उठो अहल्या” राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के समग्र शिक्षा, सांस्कृतिक जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर देने के साथ संरेखित होती है। इस प्रस्तुति ने भारतीय ज्ञान प्रणालियों की प्रासंगिकता को उजागर किया, जो नारी शक्ति और एजेंसी के महत्व पर जोर देती हैं।
नाटक के विषय और संदेश एनईपी 2020 के लक्ष्यों के साथ प्रतिध्वनित होते हैं, जो महत्वपूर्ण सोच, सृजनात्मकता और सामाजिक-भावनात्मक सीखने को बढ़ावा देते हैं। लगभग 250 लोगों की उपस्थिति में इस नाटक का समापन मंजीरा टाइम्स के संपादक श्री शंभु मिश्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
इस आयोजन ने अदिति कॉलेज की कलात्मक अभिव्यक्ति, सांस्कृतिक जागरूकता और सामाजिक चेतना को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। कला, संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारी को एकीकृत करके, “उठो अहल्या” व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन पर शिक्षा के प्रभाव का एक शक्तिशाली उदाहरण प्रस्तुत करती है। अदिति कॉलेज के प्रयास इस प्रस्तुति के माध्यम से सांस्कृतिक जागरूकता और नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एनईपी 2020 के एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत समाज के दृष्टिकोण के साथ संरेखित होते हैं।