असल न्यूज़: तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चौथे दौर की बैठक में जो प्रस्ताव सरकार की ओर से दिए गए थे उसे किसानों ने सोमवार शाम (19 फरवरी) खारिज कर दिया है और आंदोलन को जारी रखते हुए दिल्ली कूच का ऐलान किया है.
किसान नेताओं का कहना है कि सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग के लिए अब वह बुधवार सुबह 11 बजे से अपना ‘दिल्ली चलो’ विरोध फिर से शुरू करेंगे. किसानों ने आंदोलन को लेकर आगे का प्लान भी बताया है.
1. अब 23 फसलों पर चाहिए एमएसपी की कानूनी गारंटी
भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि उन्होंने केंद्र के प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की, जो रविवार रात प्रदर्शनकारी किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक के दौरान पेश किया गया था. चर्चा के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह किसानों के पक्ष में नहीं है. हम सभी 23 फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की अपनी मांग पर कायम हैं.
2. अब मीटिंग नहीं, सरकार फैसला करे
किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन बुधवार सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा. हम दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू करेंगे. हमें विरोध करने की अनुमति दी जानी चाहिए. हमें आंदोलन शुरू करने का पूरा अधिकार है. अब किसी मीटिंग की जरूरत नहीं है. सरकार को अब निर्णय लेना चाहिए. किसानों के लिए हरियाणा-पंजाब सीमाएं खोली जानी चाहिए.
3. या तो हमारी मांगें स्वीकार करें या दिल्ली जाने दें
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमारी मांगें स्वीकार करें या हमें दिल्ली जाने दें. प्रदर्शनकारी किसान बैरिकेड तोड़ना नहीं चाहते, लेकिन कोई हमारी बात नहीं सुन रहा. हम कोशिश कर रहे हैं कि किसी को नुकसान न पहुंचे. हम नहीं चाहते कि किसी की जान जाए. लेकिन यह सरकार सुन नहीं रही है.
4. पंजाब के हर गांव के किसानों से बॉर्डर पर आने की अपील
बीकेयू (एकता सिधुपुर) के महासचिव काका सिंह कोटडा ने पंजाब के हर गांव से किसानों से मंगलवार तक खनौरी और शंभू बॉर्डर पर जुटने का आग्रह किया है. तीन कृषि यूनियनों – पंजाब किसान यूनियन (बागी), सदा एका जिंदाबाद मोर्चा पंजाब और किसान मजदूर नौजवान एकता पंजाब ने भी खनौरी और शंभू बॉर्डर पर जाकर किसान आंदोलन में शामिल होने व विरोध-प्रदर्शन को समर्थन देने का वादा किया है.
5. हम नहीं होंगे उग्र, शांति से जीते जाते हैं आंदोलन-
सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि सरकार की नियत में खोट है. नियत साफ होती तो ऐसा न करते. सरकार जल्द बताए कि C2+50 का फॉर्मूले पर क्या कर रही है? मनरेगा मजदूरी पर क्या कर रही है? बैठक में मंत्री 3 घंटे देरी से आते हैं. इतना समय किसी के पास नहीं है. शांति से आंदोलन जीते जाते हैं. सरकार चाहती है कि हम उग्र हों, लेकिन हम उग्र नहीं होंगे. अगर सरकार मसला हल नहीं क सकती तो आराम से हमें दिल्ली जाने दे.