नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के शालीमार बाग के दिगंबर जैन मंदिर परिसर की दीवार तोड़ने का मामला तूल पकड़ रहा है. आपको बता दें बीते दिन शनिवार को दल बल के साथ पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा मंदिर की दीवार को अवैध बताते हुए डिमोलिशन की कार्रवाई की गई थी.
जैन मंदिर पर बुलडोजर एक्शन का विरोध: शालीमार बाग में स्थित दिगंबर जैन मंदिर परिसर की दीवार को डेमिलिश करने के बाद जैन समाज के लोगों ने मंदिर के बाहर ही अपना शक्ति प्रदर्शन किया. जैन समाज के सैंकड़ो लोग मंदिर के बाहर एकजुट हुए और शांतिपूर्ण तरीके से उन्होंने प्रदर्शन किया और साथ ही जैन समाज के लोगों ने मांग की है कि मंदिर की जिस दीवार को तोड़ा गया, उसी दीवार को पुनः बनाया जाए. इसी के साथ-साथ जिन अधिकारियों के आदेश पर मंदिर में डिमोलिशन की कार्रवाई की गई, उन अधिकारियों को भी सस्पेंड करने की मांग जैन समाज के लोगों द्वारा की जा रही है.
40 साल पुराना है जैन मंदिर: दरअसल 40 साल पुराने जैन समाज के दिगंबर जैन मंदिर शालीमार बाग में स्थित है. उसके सुरक्षा के दृष्टिकोण से मंदिर परिसर के अंदर ही एक दीवार का निर्माण कराया जा रहा था, जिसको अवैध बताते हुए पीडब्ल्यूडी के अधिकारी जेसीबी मशीन लेकर पहुंचे और बुलडोजर चला कर यहां पर डिमोलिशन की कार्रवाई की गई, जिसका लोगों ने विरोध किया और आज जैन समाज के लोगों ने भी एकजुट होकर के शांतिपूर्ण तरीके से शक्ति प्रदर्शन करते हुए यह साफ तौर पर दिखा दिया कि मंदिर और आस्था के साथ किसी भी तरीके का खिलवाड़ या फिर डिमोलिशन जैसी कार्रवाई को जैन समाज सहन नहीं करेगा.
शालीमार बाग मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का विधानसभा क्षेत्र: शालीमार बाग विधानसभा यह वही विधानसभा है, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की विधानसभा है. रेखा गुप्ता इसी विधानसभा से जीतकर विधायक बनी और फिर मुख्यमंत्री बनी. इस मंदिर में भी रेखा गुप्ता चुनाव के दौरान कई बार आई और लोगों से साथ देने की अपील की. जैन समाज के लोगों ने साथ दिया और रेखा गुप्ता को जीत दिलाई लेकिन जीतने के बाद इसी मंदिर में डिमोलिशन की कार्रवाई को अंजाम दिया गया, जिससे जैन समाज के लोग बेहद आहत हैं और दुखी भी है.
स्थानीय लोगों की मांग: लोगों का कहना है कि मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है. केवल शालीमार बाग नहीं बल्कि दिल्ली के अलग-अलग कई हिस्सों से यहां पर जैन समाज के लोग पहुंचते हैं. अचानक मंदिर में सुरक्षा के दृष्टिकोण से बनाई जा रही दीवार को तोड़ना कहीं का न्याय नहीं है. लोगों ने मांग की है कि अधिकारी और पुलिस प्रशासन को पहले मंदिर कमेटी के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए और अगर मंदिर का कोई भी हिस्सा गैरकानूनी है तो जैन समाज के लोग खुद ही उस हिस्से को तोड़ने के लिए तैयार हैं लेकिन जो कार्रवाई की गई है, इसकी घोर निंदा करते हैं.
AAP नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसी मामले पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, इस तरह के धार्मिक मामलों का हल बुलडोज़र से नहीं होना चाहिए. ये आपकी विधानसभा शालीमारबाग का जैन मंदिर है और आपको इन लोगों की बात सुननी चाहिए. कुछ दिन पहले भी आपके एक मंत्री ने दिल्ली में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की थी और अब जैन समाज के साथ ये व्यवहार.